23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अभिभावकों को बच्चों की दिलचस्पी को समझना चाहिए

शहर के अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में सोमवार को एनसीपीसीआर के तहत शिक्षा विभाग समस्तीपुर द्वारा शिक्षक एवं अभिभावकों का उन्मुखीकरण के लिए जिला स्तरीय एक दिवसीय बच्चों में परीक्षा से उत्पन्न तनाव विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी.

समस्तीपुर : शहर के अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में सोमवार को एनसीपीसीआर के तहत शिक्षा विभाग समस्तीपुर द्वारा शिक्षक एवं अभिभावकों का उन्मुखीकरण के लिए जिला स्तरीय एक दिवसीय “बच्चों में परीक्षा से उत्पन्न तनाव ” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी. मुख्य अतिथि सह डीपीओ एसएसए मानवेन्द्र कुमार राय, महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. पवन कुमार सिंह व अन्य व्याख्याताओं के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम में बच्चों के परीक्षा के पूर्व एवं परीक्षा के दौरान तनाव को कम करने एवं तनाव प्रबंधन पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. साथ ही उपस्थित शिक्षकों एवं अभिभावकों से फीडबैक भी लिया गया. डीपीओ एसएसए द्वारा कहानी के माध्यम से तनाव प्रबंधन पर चर्चा की गई. अभिभावकों से भी अनुरोध किया गया कि वे बच्चों पर अपनी इच्छा थोपने के बजाय उनकी अभिरुचि के अनुसार पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाये. डीपीओ ने कहा कि तनाव एक ऐसी बेचैनी होती है, जो हर किसी को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है चाहे वह कोई छात्र-छात्रा हो या कोई वयस्क. साधारणत: पढ़ने वाले बच्चों के लिए तनाव के कई कारण हो सकते हैं. जैसे अपशब्द, उपेक्षा, गरीबी, परीक्षा में असफलता या बीमारी आदि. हालांकि कुछ हद तक तनाव लाभदायक हो सकता है, क्योंकि सीमित तनाव से बच्चों को पढ़ाई के प्रति सचेत करने में मदद मिलती है. प्रभारी प्राचार्य डॉ. पवन कुमार सिंह ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को सफल देखना चाहते हैं और उनके शैक्षिक प्रदर्शन से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखते हैं. ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या हमारी अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हैं? अभिभावकों को बच्चों की क्षमता और उनकी दिलचस्पी को समझना चाहिए और उन पर अपनी अपेक्षाएं पूरी करने का दबाव नहीं डालना चाहिए. व्याख्याता रीना सिंह, प्रियरंजन, मो. नदीम अंसारी, मौसमी कुमारी, वृजभूषण उपाध्याय एवं अवध किशोर द्वारा तनाव प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की. कहा कि परीक्षा के डर से पढ़ना, पढ़ने के लिए स्थायी तौर पर प्रेरणा नहीं बन सकता. दीर्घ-काल में अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए पढ़ने या अञध्ययन की प्रवृत्ति स्टूडेंट्स को कहीं ज्यादा प्रेरणा प्रदान कर सकती है. मंच संचालन कुमारी पल्लवी द्वारा किया गया. मौके पर डॉ. अंजुम वारिस, संजय कुमार, एपीओ रमेश कुमार व महाविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मी भी उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें