स्वर्ण व्यवसायी से हुई लूट के मामले को रफा-दफा करानेवाले थानेदार को मिली जांच की जिम्मेवारी
तीन दिन पूर्व स्वर्ण दुकानदार से लूट मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वैसे मामले की जानकारी मिलने के बाद एएसपी संजय कुमार पांडेय ने मौखिक रूप से संबंधित थानाध्यक्ष को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश जरुर दिया है.
समस्तीपुर: तीन दिन पूर्व स्वर्ण दुकानदार से लूट मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वैसे मामले की जानकारी मिलने के बाद एएसपी संजय कुमार पांडेय ने मौखिक रूप से संबंधित थानाध्यक्ष को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश जरुर दिया है. लेकिन, पुलिस सूत्रों की मानें तो एएसपी के आदेश के बावजूद स्थानीय पुलिस कुछ भी करती नहीं दिख रही है. इतना जरूर है कि मामले को रफा- दफा करने की कवायद तेज हो गयी है. वैसे पुलिस सूत्र बताते है कि जिस थानेदार ने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की उसे ही एएसपी ने जांच करने को कहा है. जिससे इस मामले का क्या होगा ये कहने की जरूरत नहीं है. बता दें कि तीन दिन पूर्व बेगूसराय के एक स्वर्ण दुकानदार से एक पुलिसकर्मी ने लूट की घटना को अंजाम दिया था. जब दुकानदार ने इसकी शिकायत संबंधित थाना में की तो थानाध्यक्ष ने आरोपी पुलिसकर्मी से लूटे गये जेवर तो वापस करा दिया. लेकिन, बिना कोई कार्रवाई किये स्वर्ण दुकानदार को वापस भेज दिया. खास बात है कि जिस पुलिस कर्मी की करतूत से खाकी पर दाग लग रहा है. हाल ही में उसे पुलिस थाने से लाइन क्लोज कर दिया गया था. सूत्राें का बताना है कि वह घटना के दिन पुलिस केंद्र के रनिंग ड्यूटी में काम कर रहा था. सूत्र यह भी बताते है कि हाल ही में शहर के एक कपड़ा व्यवसायी से एक पुलिस कर्मी ने एक वरीय पदाधिकारी के नाम पर लाखों रुपये की खरीदारी कर ली है. इस बाबत पीड़ित ने स्थानीय पुलिस थाना में इसकी शिकायत भी की थी. लेकिन, उस मामले में भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस बाबत पूछे जाने पर एएसपी संजय पाण्डेय ने बताया कि मामले की छानबीन की जा जारी है. जल्द ही नतीजा सामने आएगा.
सीमावर्ती बेगूसराय जिले के भगवानपुर के रहने वाले एक आभूषण कारोबारी से पुलिस कर्मी ने की थी लूटपाट
सदर अनुमंडल के एक पुलिस थाना में परिसर में बीते 15 जून काे एक लूट का मामला प्रकाश में आया था. पीड़ित ने खुद पुलिस थाना में आकर शिकायत की. लेकिन, पुलिस ने लूटे गये सामान पीड़ित को लौटा दिया और मामला रफा दफा हो गया. दरअसल, लूटने वाला एक पुलिस कर्मी था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 15 जून को सीमावर्ती बेगूसराय जिला के भगवानपुर के रहने वाले एक स्वर्ण आभूषण दुकानदार को स्थानीय एक परिचित महिला ने सोने के आभूषण की मरम्मत करने के लिए अपने घर बुलाया. आभूषण दुकानदार महिला के घर आया और उससे सोने का चैन लेकर अपने घर लौट रहा था. रास्ते में मुख्य मार्ग पर वर्दी का घौंस दिखाकर एक पुलिस कर्मी ने उसे रोक लिया. पुलिस कर्मी के साथ उसके दो अन्य सहयोगी भी थे. पुलिस कर्मी ने पहले दोनों की तलाशी ली. आभूषण विक्रेता के पास बैग में एक सोने का चैन मिला. सिपाही ने आभूषण के कागजात मांगा. लेकिन, आभूषण विक्रेता कागजात देते में असमर्थ रहा. सिपाही ने उसे कानून का भय दिखाया और छोडने के एवज में 50 हजार रुपये का डिमांड कर दिया. रिश्वत नहीं देने पर चोरी के इल्जाम में हवालात के अंदर डालने की धमकी भी दे दी. इसके बाद पीड़ित काफी डर गया था. उसके जेब में महज चार हजार रुपये था. सिपाही ने इसका भी फार्मूला निकाला और पास के ही एक मेडिकल स्टोर पर ले जाकर मोबाइल पर पेटीएम के माध्यम से दवा दुकानदार के खाते में तीन हजार ट्रांसफर करा लिया और दुकानदार से कैश लेकर अपने पास रख लिया. इसके अलावे दुकानदार की जेब से चार हजार रुपये भी निकाल लिया. इसके बाद सिपाही अपने दो अन्य सहयोगी के साथ आभूषण विक्रेता को बाइक पर बैठाकर काफी देर बाजार में इधर-उधर घुमाया. बाजार में सुनसान जगह पर खेत में ले जाकर मारपीट किया. देर शाम पिछले रास्ते से पुलिस थाने पीछे एक आवासीय परिसर के पास ले गया. हालांकि, उस वक्त वहां आसपास कोई पुलिस मौजूद नहीं था. दुकानदार से मारपीट कर उसके सोने का आभूषण लूट लिया. इसके बाद पुलिस कर्मी अपने सहयोगियों के साथ वहां से फरार हो गया. पीड़ित आभूषण विक्रेता ने उस महिला को दुबारा मोबाइल पर फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी. महिला ने पुलिस थाना में शिकायत करने की सलाह दी. पीड़ित अपनी शिकायत लेकर पुलिस थाना में पहुंचा. जहां आन ड्यूटी पुलिस पदाधिकारी ने उसकी शिकायत सुनी और क्षेत्राधिकारी को घटना के बारे बताया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस पदाधिकारियों के होश उड़ गए. पुलिस ने आनन फानन में लूटे गए सामान पीड़ित को वापस दे दिया और फटकार लगाकर पुलिस थाना से भगा दिया. रातोंरात मामला रफा- दफा हो गया. हलांकि, कानोंकान लोगों को इस घटना की जानकारी हो गई थी. सूत्रों का बताना है कि वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश के बाद स्थानीय पुलिस पीड़ित के घर गई थी. लेकिन, पीड़ित से मुलाकात नहीं हुई.
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