मछली पालन में पारंगत हो रहे बंदी, स्वरोजगार के लिए मिल रहा प्रशिक्षण
शहर के दुधपुरा स्थित मंडल कारा में बंदियों के बेहतर पुनर्वास की ओर ले जाने के लिए स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि कारा से मुक्ति के पश्चात अपराध की दलदल से निकलकर आत्मनिर्भर बनें.
समस्तीपुर: शहर के दुधपुरा स्थित मंडल कारा में बंदियों के बेहतर पुनर्वास की ओर ले जाने के लिए स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि कारा से मुक्ति के पश्चात अपराध की दलदल से निकलकर आत्मनिर्भर बनें. कैदियों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मंडल कारा प्रशासन की ओर से मिशन बिहार के तहत आरएसईआईटी के माध्यम से जेल में दस दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई. शनिवार को मंडल कारा में काराधीक्षक प्रशांत ओझा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काराधीक्षक ने कहा कि बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में आकर जीवन संवार सकें. बंदी कारामुक्ति के पश्चात जब घर जाएं तो रोजगार धंधे में लग जाएं, उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. मछली पालन का प्रशिक्षण लेकर वे अपनी आजीविका को नया आयाम दे सकते हैं. उन्होंने बंदियों को मनोयोग से प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया. प्रशिक्षण के लिए 30 बंदियों का चयन है. आरएसईआइटी के ट्रेनर उमानाथ झा, फेकल्टी श्रवण कुमार झा ने बंदियों को मत्स्य पालन की विधि और सरकारी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. मौके पर सहायक उपाधीक्षक रवि कुमार झा समेत आरएसईआईटी के कई सदस्य मौजूद रहे.
प्रशिक्षण के दौरान कराया जाएगा प्रैक्टिकल
आरएसईआईटी कीओर से बंदियों को प्रशिक्षण के साथ कारा मुक्ति के पश्चात उनके लिए सरकारी स्क्रिम की जानकारी दी जाएगी. बंदियों को मछली पालन से लेकर आहार बीज उत्पादन, प्रोजेक्ट निर्माण में आने वाली लागत, खर्च व लाभ की जानकारी जाएगी. ट्रेनर उमानाथ झा ने बताया कि दस दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण में प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा, ताकि पूरी तरह से प्रशिक्षित हो सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है