बीआरबी कॉलेज ने पांच विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए भेजा प्रस्ताव
काॅलेज के प्रधानाचार्य डा. बीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
समस्तीपुर : जिले में उच्चस्तरीय शिक्षा की राह आसान बनाने व विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अन्य पांच विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है. इस संबंध में काॅलेज के प्रधानाचार्य डा. बीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने के लिए प्रतिबद्ध है. कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू हो जाने से कॉलेज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी. प्रधानाचार्य ने बताया कि हिन्दी, इतिहास, उर्दू, राजनीति विज्ञान व अर्थशास्त्र विषय में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों की स्वीकृति मिलने से छात्र-छात्राओं के लिए इस कैंपस में उच्च शिक्षा का बेहतर विकल्प मिलेगा. जिले में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीजी स्तर की पढ़ाई लनामिविवि से अंगीभूत मात्र तीन काॅलेजों में ही हो रही है. समस्तीपुर कॉलेज में 11, बीआरबी कॉलेज में पांच व आरबी काॅलेज दलसिंहसराय में चार विषयों में पीजी की पढ़ाई छात्र-छात्राओं के लिए हो रही है. समस्तीपुर कॉलेज में जंतु विज्ञात, वनस्पति विज्ञान, रासायन शास्त्र, भौतिकी शास्त्र, गणित के अलावा मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र व हिंदी विषय में पीजी की पढ़ाई होती है. वहीं दलसिंहसराय के आरबी कॉलेज में अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीतिशास्त्र व मनोविज्ञान विषय में पीजी की पढ़ाई होती है. इसी तरह बीआरबी कॉलेज में मनोविज्ञान, भूगोल, रसायन विज्ञान, जंतु विज्ञान एवं वाणिज्य विषय में छात्र छात्राएं अध्ययनरत है. इधर, महिला कॉलेज में भी स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा अब सुलभ होगी. इस कॉलेज में अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, गृह विज्ञान, संगीत, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र सहित आठ विषयों में पीजी की पढ़ाई को सत्र 2025-27 से स्वीकृति प्रदान की गयी है.
नामांकन से वंचित हो रहे छात्र-छात्राएं
हर साल बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं स्नातक उत्तीर्ण होते हैं. लेकिन, काफी कम संख्या में पीजी में छात्रों का नामांकन हो पाता है. इसका कारण यह है कि पीजी में यहां जिन विषयों की पढ़ाई होती है, उनमें काफी कम सीटें हैं. सीट वृद्धि के लिए छात्र संगठनों की ओर से वर्षों से मांग की जा रही है. इसके बावजूद अब तक पीजी में सीटों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है. लिहाजा बड़ी संख्या में आवेदन करने वाले छात्र पीजी में नामांकन नहीं ले पाते हैं. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है. छात्र संगठनों के द्वारा लगातार दबाव बनाने पर विवि की ओर से सीट वृद्धि संबंधी पत्र राज्य सरकार को भेज दिया जाता है. लेकिन, उस पर क्या अमल हो रहा है, इसकी कोई सुधि लेने वाला नहीं है. विदित हो कि विश्वविद्यालय के सीनेट और सिंडिकेट में कई सांसद, एमएलसी, एमएलए, मंत्री सदस्य के रूप में हैं. इसके बावजूद छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. विश्वविद्यालय में सीट बढ़ाने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधियों और विश्वविद्यालय प्रशासन को आगे आना होगा. छात्र नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को सबसे पहले बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए. ताकि नामांकन सिर्फ डिग्री लेने के लिए नहीं हो, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि हर बार विश्वविद्यालय प्रशासन पत्र लिखने का बहाना बनाकर मामले को टाल देता है, स्थानीय छात्र हर साल पीजी करने से हर साल वंचित रह जाते हैं. उच्च शिक्षा पाने के लिए आज भी हजारों युवाओं को इधर-उधर भटकना पड़ता है. छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए सीटें बढ़ानी चाहिए. साथ ही, नये विषयों की पीजी की पढ़ाई की भी अनुमति मिलनी चाहिए. ताकि, अधिक से अधिक छात्र उच्च शिक्षा पा सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है