मिर्च, टमाटर, बैंगन फसल को कॉलर रोट से बचाने की जरूरत : वैज्ञानिक

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के स्नातकोत्तर पादप रोग विभागाध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कॉलर रोट रोग को मिर्च, टमाटर, बैंगन, कद्दू अन्य सब्जियों के लिए विनाशकारी रोग बताया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 11:06 PM

पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के स्नातकोत्तर पादप रोग विभागाध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कॉलर रोट रोग को मिर्च, टमाटर, बैंगन, कद्दू अन्य सब्जियों के लिए विनाशकारी रोग बताया. उन्होंने किसानों को इससे फसल बचाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि इस रोग के लक्षण पौधों के निकलने से लेकर 50 दिनों के अंतराल तक अत्यधिक दिखाई देता है. इस रोग को बीज व भूमि जनित फफूंद से पनपने वाला बताया. सब्जी उत्पादक किसान वैज्ञानिक तकनीक अपना कर रोग से बचाव करते हुए सब्जियों का बेहतर उत्पादन कर सकते हैं. कॉलर रोट रोग खासकर मिर्च की सबसे महत्वपूर्ण बीमारियों में से एक है. यह एक कवक जनित बीमारी है. यह स्क्लेरोटियम रॉल्फ्सि के कारण होता है. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि रोग प्रबंधन के लिए सबसे पहले किसान अपने खेतों में रोग प्रतिरोधी फसल के किस्मों का ही चयन कर लगायें. अगर फसल में बीमारी लग चुकी है तो संक्रमित पौधों को उखाड़कर जला दें. रोग से फसलों को बचाने के लिए किसान मैंकोजेब दवा 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ घोलकर फसलों पर छिड़काव कर रोग नियंत्रित कर सकते हैं. इसके अलावा किसान इस रोग से फसल को बचाने के लिए मेटालैक्सिल, फॉसेटाइल एल्युमीनियम एवं ऑक्सैडिक्सिल जैसे दवाओं का प्रयोग भी कर सकते हैं.

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