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Samastipur News: शिक्षकों की स्थानांतरण और पदस्थापना नियमावली का विरोध शुरू

Samastipur News: Protest against teachers' transfer and posting rules begins, shikshakon kee sthaanaantaran aur padasthaapana niyamaavalee ka virodh shuroo

Samastipur News: Protest against teachers”” transfer and posting rules begins: shikshakon kee sthaanaantaran aur padasthaapana niyamaavalee ka virodh shuroo: जिले के नियोजित शिक्षकों को 18 सालों बाद इच्छुक जगहों पर शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण का मौका दिया है. शिक्षकों के स्थानांतरण व पदस्थापना नियमावली का विरोध शुरू हो गया है.

Samastipur News: Protest against teachers”” transfer and posting rules begins समस्तीपुर : जिले के नियोजित शिक्षकों को 18 सालों बाद इच्छुक जगहों पर शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण का मौका दिया है. शिक्षकों के स्थानांतरण व पदस्थापना नियमावली का विरोध शुरू हो गया है. नियोजित शिक्षकों में आक्रोश हैंं. वहीं शिक्षक संगठनों में भी इस नीति का विरोध कर रहा है. युवा शिक्षक नेता सिद्धार्थ शंकर ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण व पदस्थापना नियमावली 2024 शिक्षकों के लिए दंड के समान है. प्रत्येक पांच वर्ष में शिक्षक-शिक्षिकाओं का नये सिरे से स्थानांतरण भारी पड़ रहा है. अपने गृह नगर निकाय के अंतर्गत किसी भी महिला शिक्षक का स्थानांतरण नहीं किया जायेगा. यह महिला शिक्षिका के लिए गंभीर मुद्दा है. वहीं पुरुष शिक्षकों को जिले के बाहर व एक अनुमंडल से बाहर स्थानांतरण किया जायेगा. गंभीर और असाध्य रोगों से पीड़ित शिक्षक भी गृह प्रखंड में पदस्थापन नहीं किए जायेंगे.

Samastipur News: Protest against teachers”” transfer and posting rules begins बदलाव नहीं करने पर नियमावली का बहिष्कार करेंगे.

शिक्षा विभाग के पदाधिकारी की जगह प्रशासनिक पदाधिकारी को पूर्ण रूपेण स्थानांतरण पदस्थापन समिति में अध्यक्ष व सचिव के रूप में मनोनयन किया जायेगा. महिला शिक्षकों की यह मांग रही है कि उन्हें स्थानांतरण का मौका दिया जाए. बदलाव नहीं करने पर नियमावली का बहिष्कार करेंगे. जिले में करीब सात हजार शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा पास की है. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों को नियुक्ति के एक साल के अंदर ही यह मौका मिल गया है. इधर, दर्जनों शिक्षकों ने बताया कि इससे पहले भी सरकार ऐसी नियमावली बना चुकी है बावजूद इसके चार वर्ष में कभी फलीभूत नहीं कर सकी. स्थानांतरण एवं पदस्थापन नीति तय करते वक्त मानवीय पहलू पर विचार नहीं किया गया. साथ ही इसमें सभी कोटि के शिक्षकों को शामिल कर इसे खिचड़ी बना दिया गया है. अब ऐसे में प्रश्न उठता है कि जिस जिले में एक ही अनुमंडल है वहां के शिक्षक कहां जायेंगे. आगे उन्होंने सरकार से मांग करते हुए बताया की पहले सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों का ऐच्छिक पदस्थापन हो उसके बाद सभी कोटि के शिक्षकों का एक साथ ऐच्छिक स्थानांतरण हो.

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