Samastipur News: data tariff plan डेटा टैरिफ प्लान में बेतहाशा बढ़ाई गई दर का बीआरबी कॉलेज कैम्पस से जुलूस निकाल किया विरोध
Protest against wildly increased rate in data tariff plan डेटा टैरिफ प्लान में बेतहाशा बढ़ाई गई दर के खिलाफ बीआरबी कॉलेज कैम्पस से जुलूस निकाल कर विरोध सभा किया.
Samastipur News: data tariff plan समस्तीपुर : छात्र संगठन आइसा जिला कमेटी के बैनर तले शनिवार को टेलीकॉम कंपनियों द्वारा डेटा टैरिफ प्लान में बेतहाशा बढ़ाई गई दर के खिलाफ बीआरबी कॉलेज कैम्पस से जुलूस निकाल कर विरोध सभा किया.अध्यक्षता जिला अध्यक्ष लोकेश राज तथा संचालन मो. फरमान ने किया. विरोध सभा को संबोधित करते अनील कुमार,गोलू यादव,रविरंजन कुमार,मो. फैयाज,रोहित कुमार,मो. साकिब परवेज,विवेक कुमार, सोनू कुमार, प्रिंस कुमार, अंकित कुमार, श्यामसुंदर कुमार, प्रदीप कुमार ने कहा कि भारत के दो प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने एक-दूसरे के कुछ ही घंटों के भीतर टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा कर छात्रहित में उचित नहीं किया है. पिछले 3-4 सालों में उपभोक्ताओं के मोबाइल टैरिफ लगातार महंगे हुए हैं. एक मशहूर कहावत है कि “दुनियां में कुछ भी फ्री नहीं मिलता (देयर इज नो फ्री लंच इन दिस वर्ल्ड) “, ये बात भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री पर पूरी तरह से लागू होती है. कुछ साल पहले जब रिलायंस जिओ ने भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में कदम रखा था तो उसने ग्राहकों को जोड़ने के लिए मोबाइल और इंटरनेट के टैरिफ बहुत सस्ते या लगभग फ्री कर दिए थे.
Samastipur News: data tariff plan जिओ टेलीकॉम इंडस्ट्री में तेजी से बड़ा कस्टमर बेस तैयार करते हुए सबसे बड़ा प्लेयर बन गई.
उसके बाद जिओ टेलीकॉम इंडस्ट्री में तेजी से बड़ा कस्टमर बेस तैयार करते हुए सबसे बड़ा प्लेयर बन गई. एक समय में सरकारी बीएसएनएल और एमटीएनएल भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की रीढ़ थे, लेकिन ये सरकारी उपक्रम निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में काफी पीछे रह गये. सरकार ने भी समय रहते इनको उबारने में मदद नहीं की. अब गरीब और निम्न मध्यवर्गीय पृष्ठभूमि से आने वाले करोड़ों–करोड़ लोगों की जेब पर यह कदम बहुत भारी पड़ा है. इससे पिछड़ी व गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले भारत के करोड़ों छात्र–छात्राओं के लिए जीवन और कठिन हो गया है. गरीब व छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्लान सस्ता हो. प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां अपना मजबूत कार्टेल बनाकर उपभोक्ताओं को तिल –तिल करके मार रहीं हैं. वैसे भी देश में आम आदमी मंहगाई की मार से त्रस्त है ऐसे समय में मोबाइल टैरिफ सरकारी नियमन के दायरे में होना चाहिए अन्यथा ये टेलीकॉम कंपनियां कभी भी मनमानी कर सकतीं हैं जो आम आदमी के जेब पर भारी पड़ेगी.
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