पुलिस के रवैया के खिलाफ ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
घर से बुलाकर युवक का अपहरण करने व हत्या कर शव को नदी में फेंके जाने के बाद गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. गांव के लोगों ने मंगलवार को पूसा- कल्याणपुर पथ को नूनफर चौक के पास जाम कर दिया.
कल्याणपुर : घर से बुलाकर युवक का अपहरण करने व हत्या कर शव को नदी में फेंके जाने के बाद गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. गांव के लोगों ने मंगलवार को पूसा- कल्याणपुर पथ को नूनफर चौक के पास जाम कर दिया. इस दौरान लोग दीपक कुमार के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग के साथ चकमेहसी पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहे थे. सड़क जाम कर रहे लोगों को पुलिस उपाधीक्षक विजय महतो के समझाने की कोशिश की. लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकलता देखकर डीएसपी ने आवेदन की पुनः मांग की. भरोसा दिलाया कि दोषी पर मुकम्मल कार्रवाई होगी. इसके बाद जाम समाप्त हो सका. इस बीच सात घंटे तक लगातार सड़क जाम रहा. जिसके कारण यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. डीएसपी श्री महतो ने कहा कि पीड़ित की ओर से दिये आवेदन के आधार पर तहकीकात शुरू कर दी गयी है. जांच के बाद दोषियों पर मुकम्मल कार्रवाई की जायेगी. परिजनों का आरोप है कि रविवार को छह लड़के बुला कर ले गये थे. मारपीट करने की सूचना व रविवार की रात घर नहीं पहुंचने पर चकमेहसी थाना सूचित किया गया. लेकिन, पुलिस टालमटोल करते हुए शाम तक आवेदन बदलवा कर हत्या के आवेदन को अपहरण में तब्दील करा दिया. उनका कहना है कि रविवार की सुबह अगर आवेदन व वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई की गई होती, तो शायद दीपक की जान बचायी जा सकती थी. पिता ने बताया कि दीपक की हत्या बेरहमी से की गई है. इसका बरामद शव में दोनों आंख नहीं है. इसके प्राइवेट पार्ट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. इससे परिजन मानते है कि 28 जुलाई को अपहरण किया गया. रात भर उसे यातना देकर मार दिया गया. इसके बाद शव नदी में फेंक दिया गया. इस बीच पुलिस की सक्रियता नगण्य रही. इसी बात को आधार बना कर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया. ज्ञात हो कि चकमेहसी थाना क्षेत्र के मालीनगर पंचायत के वार्ड 11 धोबगामा निवासी गुलाब पंडित ने अपने पुत्र दीपक कुमार के अपहरण व हत्या से संबंधित आवेदन पुलिस को दिया है.
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