समस्तीपुर : श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दलसिंहसराय के नेतृत्व में बाल श्रमिकों की मुक्ति के लिये धावा दल के द्वारा छापेमारी की गयी. छापेमारी में टी स्टॉल से एक बाल श्रमिक तथा स्वीट चाट दुकान से दो बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया. विमुक्त तीनों बाल श्रमिकों को बाल गृह में रखा गया है. बाल श्रमिक एवं किशोर अधिनियम के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी करने की कार्रवाई की जा रही है. श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि बाल श्रमिकों से प्रतिष्ठान व दुकान में कार्य कराना गैर कानूनी है, बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले नियोजकों को बीस से पचास हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्ष की कारावास की सजा हो सकती है. इसके साथ ही नियोजकों से बीस हजार रुपये प्रति की दर से राशि की वसूली की जायेगी. श्रम अधीक्षक ने बताया कि पात्र बाल श्रमिकों को तीन हजार रुपये तत्काल सहायता राशि एवं मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है. धावादल में श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी कृष्णा कुमार, सुरभित कुमार, राजीव कुमार, चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि व पुलिस टीम शामिल थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है