पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सोलहवें अनुसंधान परिषद की विशेष बैठक का समापन हुआ. इसमें कई अनुसंधान परियोजनाओं की प्रस्तुत दी गयी. कुलपति डॉ पीएस पांडेय व वाह्य विशेषज्ञों ने परियोजनाओं की गहन समीक्षा की. कुलपति डॉ पांडेय ने कई अनुसंधान परियोजनाओं में कई बदलाव के निर्देश दिये. कुलपति ने कहा कि अनुसंधान का मूल उद्देश्य किसानों की समस्या का हल करना होना चाहिए. शोध किसान हित को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. कुलपति ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित बनाना है. जिसमें कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका को अहम होगी. केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के निदेशक शोध डॉ एसके चतुर्वेदी ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति अनुसंधान को लेकर काफी गंभीर है. उनका विचार भी स्पष्ट है कि शोध किसान केंद्रित हों जिससे किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके. उन्होंने विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं पर अपने विचार रखे. कृषि विश्वविद्यालय बैंगलुरू के पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ एनआर गंगाधरप्पा ने भी अनुसंधान परियोजनाओं की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह प्रत्येक विश्वविद्यालय किसानों की समस्याओं से जुड़े अनुसंधान कार्य करने लगे तो आने वाले समय में किसानों को बहुत फायदा मिलेगा. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने विश्वविद्यालय में जारी अनुसंधान परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. निदेशक शिक्षा डॉ उमाकांत बेहरा, स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मयंक राय, डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश चंद्रा, डीन इंजीनियरिंग डॉ अंवरीश कुमार, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ उषा सिंह, निदेशक बीज डॉ डीके रॉय, कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार, डॉ केएम सिंह, डॉ शंकर झा, डॉ मुकेश कुमार, डॉ एसके ठाकुर, डॉ श्वेता मिश्रा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन, डॉ सीके झा थे.
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