Samastipur News : रीड अलांग एप से पढ़ाई में निखरेंगे बच्चे

प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी और हिदी का ज्ञान कराने के लिए रीड अलांग एप लांच किया गया है. इस एप के माध्यम से बच्चे हिदी और अंग्रेजी भाषा को शुद्ध रूप से पढ़ने की विधा में पारंगत होंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 18, 2024 11:16 PM
an image

समस्तीपुर.

प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी और हिदी का ज्ञान कराने के लिए रीड अलांग एप लांच किया गया है. इस एप के माध्यम से बच्चे हिदी और अंग्रेजी भाषा को शुद्ध रूप से पढ़ने की विधा में पारंगत होंगे. वहीं एप को रुचिकर बनाने के लिए दोनों भाषाओं में कहानियों का समावेश किया गया है. समस्या और त्रुटियों के निवारण के लिए एप में मौजूद दीदी (समस्या निवारक बालिका का आइकॉन) मदद करेंगे और सही उच्चारण करने पर शाबासी भी करेंगी. कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को हिदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान कराने के लिए रीड अलांग एप बनाया गया है. हिदी और अंग्रेजी की लाइब्रेरी का लाभ एंड्रायड फोन के जरिए किया जा सकता है. पठन पाठन के साथ व्यवहार की तमाम चीजें बच्चे इस एप के माध्यम से सीख सकते हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के एचएम सौरभ कुमार बताते है कि जब छात्र किसी ऐसी भाषा में लिखा गया पाठ पढ़ते हैं जिसे वे सीख रहे हैं, जैसे अंग्रेजी, तब उनका ध्यान उन शब्दों या उन व्याकरण संबंधी रचनाओं पर केंद्रित रहता है जिन्हें वे नहीं समझते हैं या नहीं जानते हैं. इसका मतलब यह है कि वे जो कुछ पढ़ रहे हैं जैसे किसी कहानी की घटना या लेखक के तर्क आदि तो वे उसके समग्र अर्थ पर ध्यान नहीं देते हैं. किसी शिक्षक का सीखना कई तरीकों से संपन्न होता है. बहुत से शिक्षक किताबों से पढ़कर अपने काम की सामग्री को क्लासरूम में जीवंत कर देते हैं. तो बाकी शिक्षक बच्चों के साथ निरंतर संवाद की प्रक्रिया में सीखते हैं. इसके अलावा एक तरीका शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक प्रशिक्षकों के साथ संवाद और विचार-विमर्श में भी सीखने की प्रक्रिया संपन्न होती है. अगर बच्चे किसी तरीके से सीख रहे हैं. शिक्षक के सवालों का जवाब दे रहे हों तो एक शिक्षक को काम करने में आनंद आता है और वे अपने काम को बहुत ज्यादा तल्लीनता के साथ करते हैं. ऐसी स्थिति में वे अपने पढ़ाने के तरीके में भी बदलाव करते हैं ताकि अपने काम को ज्यादा बेहतर ढंग से और सुगमता के साथ कर सकें. अगर किसी शिक्षक के मन में यह तस्वीर साफ-साफ बन जाए कि बच्चे सीखते कैसे हैं? क्यों उनके सीखने के तरीके को शिक्षण की तकनीक का हिस्सा बनाना जरूरी है तो बाकी सारी चीजों को शिक्षक खुद संभाल लेते हैं. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर हिंदी भाषा के शिक्षण में अनेक तरह की चुनौतियां एक शिक्षक के सामने काम करने के दौरान आती है. हिंदी भाषा में अक्षरों की बनावट के साथ सहज होने में कुछ बच्चों को अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगता है. इसलिए अगर कुछ बच्चे किसी अक्षर की मिरर इमेज बना रहे हैं तो इससे परेशान होने की बजाय बच्चों को अक्षर की बनावट के बारे में चरणबद्ध तरीके से बताना चाहिए ताकि वे अक्षरों की बनावट को समझ पाएं और उसे आसानी से लिख पाएं. ऐसा करते समय ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे अक्षरों की ध्वनि और बनावट के बीच में रिश्ते को समझ पाएं. यह जान सकें कि अमुक अक्षर के लिए अमुक ध्वनि का इस्तेमाल होता है.

क्या है रीड अलांग एप

गुगल रीड अलांग एप के माध्यम से बच्चों की बुनियादी शिक्षा और भाषा ज्ञान को मजबूत करने के प्रयास पर बल दिया गया है. गुगल रीड अलांग एप एक रोचक एप है. जो बच्चों को खेल-खेल में पढ़ने के लिए प्रेरित करता है. रीड अलांग एप एक मजेदार रीडिग ट्यूटर एप है जिसे खासतौर पर पांच वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए बनाया गया है. एप में एआई (आर्टिफिशियल इंटलीजेंस) असिस्टेंस की सपोर्ट दी गई है जो कि बच्चों के पढ़ने के लिए कौशल को बेहतर बनाती है. इसके रुचिकर बनाने के लिए प्रति मिनट कितने शब्द बच्चे ने पढ़े इसकी भी गिनती होती है. कक्षा एक का छात्र 10 शब्द, कक्षा 2 में 20 शब्द, कक्षा 3 में 30 शब्द पढ़ने पर बच्चे को शाबासी मिलती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version