कृषि को नयी दिशा देगा नवोन्मेषी शोध : कुलपति
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में पारंपरिक ज्ञान व आधुनिक दृष्टिकोण से भारतीय कृषि विषय पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन रविवार को हो गया.
पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में पारंपरिक ज्ञान व आधुनिक दृष्टिकोण से भारतीय कृषि विषय पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन रविवार को हो गया. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी समेत अन्य विश्वविद्यालयों से आये वैज्ञानिकों ने अपने-अपने शोध पत्र व विचार प्रस्तुत किये. कार्यशाला के दौरान तीन तकनीकी सत्र आयोजित किये गये. अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि दो दिन तक चले इस गहन विमर्श में देश के कई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं. यह विचार और शोध नवोन्मेषी हैं. इससे जलवायु परिवर्तन के इस दौर में कृषि को नई दिशा मिलेगी. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को छोटे एवं मध्यवर्गीय किसानों को ध्यान में रखकर अनुसंधान करना चाहिए. झांसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ एसके चतुर्वेदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में कृषि की रूपरेखा बदलने वाला है. भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश दत्तात्रेय कुलकर्णी ने कहा कि विश्वविद्यालय में ड्रोन प्रशिक्षण पर काफी अच्छा कार्य हो रहा है. इसके सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर भी अनुसंधान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा दो दिन तक चलने वाले इस कार्यशाला में किसान और वैज्ञानिकों के बीच में काफी अच्छा विमर्श हुआ है. आने वाले समय में इन विषयों पर अनुसंधान से निकल कर जो निष्कर्ष आयेंगे, वे कृषि के भविष्य को नई दिशा देगी. धन्यवाद ज्ञापन डॉ मकरंद करकरे ने किया. निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह, स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मयंक राय, डॉ शंकर झा, डॉ दिनेश राय, डॉ राम कुमार साहू, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन आदि उपस्थित थे.
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