शिक्षक की हत्या के विरोध में ग्रामीणों ने किया रोड जाम

शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने एनएच 122बी सड़क के मदुदाबाद में रोड जाम कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 6, 2024 11:08 PM

मोहिउद्दीननगर : शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने एनएच 122बी सड़क के मदुदाबाद में रोड जाम कर दिया. इस दौरान शव को सड़क पर रखकर आक्रोशित लोगों ने कई जगहों पर आगजनी कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. जाम स्थल पर पुलिस के वरीय अधिकारियों को बुलाने, मृतक के परिजनों को बतौर 50 लाख रुपये की मुआवजे देने व घटना में शामिल बदमाशों की शीघ्र गिरफ्तारी करने की मांग कर रहे थे. करीब तीन घंटे बाद थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद के आश्वासन के बाद जाम समाप्त किया गया. इस दौरान प्रमुख जवाहरलाल राय, माकपा नेता मनोज प्रसाद सुनील, जन सुराज के प्रांतीय नेता राजकपूर सिंह, अनिल यादव, शिक्षक नेता शैलेंद्र कुमार सिंह, अरुण यादव, राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. निजाम, समाजसेवी चंदन कुमार सिंह लाल ने कहा कि राज्य में अपराधियों का मनोबल बढ़ने लगा है. आपराधिक घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि से आमजन में भय का माहौल कायम हो गया है. लगता है पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है. इन दिनों पटोरी अनुमंडल क्षेत्र में बढ़ रहे आपराधिक मामले हकीकत को बयां कर रहे हैं. यदि घटना में शामिल बदमाशों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन करने को विवश होंगे. जाम स्थल पर पहुंचकर इंस्पेक्टर मनोज कुमार व थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को बताया कि घटना में संलिप्त बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसआईटी गठित की गई है. शीघ्र बदमाश सलाखों के पीछे होंगे.

जाम के कारण लोगों की बढ़ी परेशानी

जाम के कारण आमजन सहित राहगीरों को काफी परेशानी हुई. महापर्व छठ को लेकर विभिन्न पूजन सामग्रियों की खरीदारी करने वाले लोगों व सब्जी मंडी से सब्जी खरीदने वाले दूर दराज से पहुंचे सब्जी विक्रेता काफी परेशान थे. किसी तरह का विकल्प उनके पास नहीं था. छठ को लेकर घर लौटने वाले लोग अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए विवश नजर आ रहे थे.

केकरा अब करबई बिआह रे बउआ

पांच दिसंबर को चितरंजन की शादी पूसा में तय थी. एक तरफ छठ पूजा की तो दूसरी तरफ शादी की खुशियां को लेकर पूरा परिवार व्यस्त था. कश्मीर में रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत बड़े भाई जितेंद्र की अगले माह आने की सूचना थी. किंतु अचानक चितरंजन की मौत से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. पिता डॉ. आनंदू दास, माता मरनी देवी, बहन शिक्षिका किरण कुमारी व छोटा भाई शिक्षक नीरज कुमार के क्रंदन व चीत्कार से संपूर्ण ग्रामीण गमगीन थे. छठ पूर्व की खुशियां मातमी सन्नाटा में बदल गया. माता केकरा अब करबई बिआह रे बउआ कहकर बेसुध हो जाती थी. वहीं ग्रामीणों का बताना था कि एक साल पूर्व चितरंजन बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से शिक्षक बना था. उसकी पोस्टिंग प्लस टू हाई स्कूल जोरपुरा में हुई थी. वह मृदुभाषी व सरल था. उसकी किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी.

क्या था मामला

चितरंजन कुमार पटोरी प्रखंड के जोरपुरा स्थित विद्यालय से छुट्टी के बाद मंगलवार की शाम बाइक पर सवार होकर जब घर वापस लौट रहे थे. इसी दौरान हलई थाना के दरबा चौर में पूर्व से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें गोली मारकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था. उपचार के लिए पटोरी स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

घटना के बाद शिक्षकों ने जताया आक्रोश

शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या के बाद बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने आक्रोश जताया है. शिक्षकों ने कहा कि रोज-रोज नए फरमान जारी कर सरकार शिक्षकों को प्रताड़ित कर रही है. राष्ट्रीय शैक्षिक नियमावली का उल्लंघन करके राज्य सरकार शिक्षकों को देर तक विद्यालय में रोकती है. पर्व त्योहार की पारंपरिक छुट्टियों में कटौती कर छात्रों के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का निर्देश देती है. छात्र अधिक देर तक या छुट्टियों के समय तक विद्यालय में रहना नहीं चाहते हैं. इसके बावजूद शाम तक शिक्षकों को रुकने पर बाध्य होना पड़ता है. शिक्षकों की असुरक्षा एवं उनके प्रति अवमानना की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. शिक्षकों के साथ अनेक घटनाएं हुई हैं लेकिन सरकार को उनके प्रति सहानुभूति नहीं है. सरकार को शिक्षकों की सुरक्षा की जवाबदेही लेनी चाहिए या सुबह 10:00 से शाम 4:00 तक विद्यालयों का कार्य निर्धारित करना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version