शहर के बस स्टैंड के पास नये आरओबी निर्माण का प्रस्ताव अधर में
शहर के बस स्टैंड के समीप बने ओवरब्रिज के समांतर दूसरा आरओबी बनाने का प्रस्ताव अधर में लटका हुआ है.
समस्तीपुर : शहर के बस स्टैंड के समीप बने ओवरब्रिज के समांतर दूसरा आरओबी बनाने का प्रस्ताव अधर में लटका हुआ है. ओवरब्रिज निर्माण को लेकर जिलाधिकारी के द्वारा आवश्यक कार्रवाई के लिये 1 जुलाई, 2023 को पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र गया था. उसके बाद 13 जुलाई 2023 को टीम गठित जांच करायी गयी थी. 14 जुलाई 2023 को आवश्यक कार्रवाई के लिए पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को फिर से पत्र भेजा गया. इधर, शहर के जर्जर ओवरब्रिज पर जिंदगी दौड़ रही है. कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. रेलवे के कारण दो भागों में बंटे शहर को जोड़ने के साथ-साथ समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग में पड़ने वाला यह ओवरब्रिज बहुत महत्वपूर्ण है. हर राेज हजारों की संख्या छोटी-बड़ी गाड़िया इस पुल से गुजरती है. इस पुल का कुछ हिस्सा रेलवे में तथा कुछ हिस्सा बिहार सरकार के हिस्से में आता है. इस पुल का निर्माण 1977 में हुआ था. उसके बाद इस पुल का जीर्णोंद्धार भी ठीक ढंग से नहीं हुआ. रेलवे के द्वारा यदाकदा अपने हिस्से वाले कुछ मरम्मत कराते रहा है. पुल में कई जगह दरारें हो गयी है. इस ओवरब्रिज के उतरी हिस्से में बाजार व रेलवे स्टेशन का उत्तरी हिस्सा व दक्षिण भाग में कचहरी, समाहरणालय, शिक्षा विभाग सहित कई प्रमुख कार्यालय, सदर अस्पताल, नगर थाना, महिला थाना तथा मुफस्सिल थाना है. समस्तीपुर-दरभंगा सड़क में अवस्थित होने के कारण कमिश्नरी दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, जयनगर, राजनगर उत्तर बिहार के कई हिस्सों का समस्तीपुर होकर रास्ता सुगम बनाता है. वहीं, दक्षिणी भाग में अवस्थित बेगूसराय, सिमरिया, हाजीपुर, पटना सहित कई शहरों को जाने के मार्ग को सुगम बनाता है. 1977 में पुल का निर्माण पथ निर्माण विभाग और रेलवे ने संयुक्त रूप से किया था. पुल निर्माण में 19 पाये हैं. इसमें कई की स्थिति दयनीय है. वहीं पुल के दोनों ओर सुरक्षा को लेकर 554 छोटे-छोटे पिलर भी हैं. जिसमें से कई पिलर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
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