बेंच व डेस्क की उपलब्धता की मॉनिटरिंग के लिए सेल के गठन में डीएम की भूमिका
शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना, बेंच डेस्क की आपूर्ति सहित विभिन्न कार्यों की मॉनिटरिंग में अब डीएम की भी भूमिका होगी.
समस्तीपुर : शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना, बेंच डेस्क की आपूर्ति सहित विभिन्न कार्यों की मॉनिटरिंग में अब डीएम की भी भूमिका होगी. शिक्षा विभाग में आधारभूत संरचना, पेयजल की उपलब्धता के लिए किये जा रहे कार्य, बेंच व डेस्क की उपलब्धता के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक सेल गठन का निर्देश अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम को दिया है. दिये गये निर्देश में इन्होंने बताया कि डीडीसी या कार्यपालक अभियंताओं के साथ डीईओ की नियमित बैठक सुनिश्चित करें ताकि प्रगति की समीक्षा की जा सके. विभाग में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर राशि आवंटित की गयी है और पांच करोड़ तक की योजनाओं के कार्य जिला को हस्तांतरित कर दिया गया है. जिसे पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करने की जरूरत है. इसके लिए इन्होंने कार्यों की नियमित प्रगति की समीक्षा पर बल दिया है. रैम्प का निर्माण, पेयजल की सुविधा विद्युतीकरण, शौचालय का निर्माण जैसे काम हो रहे हैं. बताया गया है कि जिला स्तर पर अभियंत्रण कोषांग का गठन हुआ था और जिले में पहली बार अपने स्तर पर सिविल कार्य का निर्माण एवं फर्नीचर आपूर्ति प्रारंभ की थी. इससे पहले यह काम केन्द्रीयकृत तरीके से निविदा के माध्यम से होता था. अब चूंकि जिला स्तर पर अभियंत्रण कोषांग गठित किया जा चुका है एवं प्रत्येक प्रखंड में कनीय अभियंता स्तर तथा अनुमंडल में सहायक अभियंता स्तर तथा जिला में कार्यपालक अभियंता स्तर के पर्याप्त अभियंता प्रचूर मात्रा में उपलब्ध कराये जा चुके हैं. प्रथम चरण की राशि को 31 जुलाई, 2024 तक खर्च कराना सुनिश्चित करें ताकि दूसरी किस्त विमुक्त की जा सके. जिला स्तर पर अभियंत्रण कोषांग गठित किया गया था. पहली बार जिला स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर कार्य हो रहा है तो कुछ प्रक्रियात्मक बातों पर सावधानी बरतनी होगी. डीडीसी अथवा जिला में अन्य कार्य प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं के साथ डीईओ के अभियंताओं की समय-समय पर बैठक करें ताकि वह सभी विहित प्रक्रियाओं से भली-भांति अवगत हो सकें. योजनाओं का अभिलेख संधारण भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है.
सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रोज सुबह 11 से दोपहर 12 बजे तक शामिल होना अनिवार्य किया गया है. पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का समय शाम चार से पांच बजे तक था. शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद इसके लिए जिले के स्कूलों में बजाप्ता सिस्टम भी लगाया गया है. इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिले को निर्देश जारी किया गया है. वीसी में प्रधानाध्यापकों के साथ मीटिंग कर प्रतिदिन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता की समीक्षा की जा रही है. एचएम से लेसन प्लान व पाठ्य टीका के बारे में भी जानकारी ली जायेगी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शत-प्रतिशत प्रधानाध्यापकों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. जो शिक्षक कक्षा तीन या ऊपर के कक्षाओं में पढ़ाते हैं, वे किस कक्षा में किस विषय का कौन सा पाठ पढ़ाया, उनके प्रश्न उत्तर अध्यापन सामग्री के रूप में तैयार कराकर अपने प्रधानाध्यापक बीआरसी में जमा करायेंगे. प्रधानाध्यापकों को अपने स्कूल में प्रतिदिन कम-से-कम 50 फीसदी के ऊपर बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना है. यदि स्कूल में 50 फीसदी से कम उपस्थिति पाई जाती है तो यह देखा जायेगा कि कक्षावार नामांकन के परिप्रेक्ष्य में किन कक्षाओं में हाजिरी कम है. कक्षा के शिक्षक और प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. वैसे विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक से 50 फीसदी से कम उपस्थिति पाये जाने पर कारण पूछा जायेगा. समीक्षा के बाद चौथी बार इसी तरह की उपस्थिति पाए जाने पर उस स्कूल के प्रधानाध्यापक, संबंधित कक्षा के शिक्षक की सेवा पुस्तिका में निंदा अंकन किया जायेगा. अध्यापक सामग्री जमा करने के लिए फॉर्मेट भी जारी किया गया है.
एचएम से लेसन प्लान व पाठ्य टीका के बारे में भी जानकारी ली जायेगी
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