समस्तीपुर. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जिले में जल संरक्षण को लेकर कई कवायद चल रही है. इसी कड़ी में नये जल स्रोतों का निर्माण व जल की कमी वाले क्षेत्रों में पानी ले जाने का काम चल रहा है. इस कार्य में जिले में ग्रामीण कार्य विभाग सबसे आगे है. ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से 864 नये जल स्रोतों के निर्माण और जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाने का काम शुरू किया गया. इसमें से अब तक 855 का काम पूरा हो चुका है. नौ योजनाओं का काम पूरा होना शेष है. लघु 3जल संसाधन विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा एक भी योजना नहीं ली गयी है. पशु एवं मत्स्य विभाग के द्वारा 90 नये जल स्रोतों और जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाने का काम शुरू किया गया,जिसे पूर्ण कर लिया गया है. कृषि विभाग के द्वारा दो नये जल स्रोतों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है. कृषि विभाग के द्वारा दोनों कार्य विभूतिपुर प्रखंड में कराये गये हैं.ये दोनों काम विभूतिपुर प्रखंड के भरपुरा पटपारा में हुये हैं. वहीं पशु एवं मत्स्य विभाग के द्वारा विभूतिपुर प्रखंड में एक, दलसिंहसराय प्रखंड में तीन, हसनपुर प्रखंड में चार, कल्याणपुर प्रखंड में 11, खानपुर प्रखंड में पांच, मोहिउद्दीननगर प्रखंड में एक, मोरवा प्रखंड में दस, पटोरी प्रखंड में चार, पूसा प्रखंड में एक, रोसड़ा प्रखंड में दो, समस्तीपुर प्रखंड में 12, सरायरंजन प्रखंड में नौ, शिवाजीनगर प्रखंड में नौ, सिंघिया प्रखंड में दो, उजियारपुर प्रखंड में सात, विद्यापतिनगर प्रखंड में पांच तथा वारिसनगर प्रखंड में चार सभी चार योजनायें पूर्ण हुई है. वहीं, ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा विभूतिपुर में 30, बिथान में 18, दलसिंहसराय प्रखंड में 13 में से 11, हसनपुर प्रखंड में 65,कल्याणपुर प्रखंड में 50, खानपुर प्रखंड में 26, मोहनपुर प्रखंड में 37,मोहिउद्दीननगर प्रखंड में 47, मोरवा प्रखंड में 27, पटोरी प्रखंड में 29, पूसा प्रखंड में आठ, रोसड़ा प्रखंड में 28, समस्तीपुर प्रखंड में 64, सरायरंजन प्रखंड में 37, शिवाजीनगर प्रखंड में 154, सिंघिया प्रखंड में 51, ताजपुर प्रखंड में 39, उजियारपुर प्रखंड में 51,विद्यापतिनगर प्रखंड में 43 में 36 तथा वारिसनगर प्रखंड में 47 योजनायें पूर्ण हो चुकी हैं.
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