Samastipur Lok Sabha Election Result 2024: समस्तीपुर से शांभवी चौधरी की जीत

Samastipur Lok Sabha Election Result 2024: समस्तीपुर लोकसभा सीट पर एनडीए उम्मीदवार शांभवी चौधरी चुनाव जीत गयी हैं. शांभवी सबसे कम उम्र की सांसद बन गयी हैं.

By Ashish Jha | June 5, 2024 11:11 AM

Samastipur Lok Sabha Election Result 2024: समस्तीपुर लोकसभा सीट पर एनडीए उम्मीदवार शांभवी चौधरी चुनाव जीत गयी हैं. वो लोकसभा के लिए निर्वाचित सबसे कम उम्र की सांसद बन गयी हैं. समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा रामविलास की शाम्भवी ने कांग्रेस के सन्नी हजारी को 187251 वोट से हराया है. शांभवी चौधरी को कुल 579786 मत मिले हैं, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सन्नी हाजारी को 392535 मत मिले हैं.

समस्तीपुर लोकसभा सीट एससी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित सीट है. समस्तीपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें समस्तीपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर, रोसड़ा, कुशेश्वर स्थान और हायाघाट हैं. कुशेश्वर स्थान और हायाघाट दरभंगा जिले का हिस्सा है. समस्तीपुर लोकसभा सीट पहले सामान्य सीट ही थी, लेकिन 2009 के परिसीमन के बाद यह सीट एससी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित हो गई.

समस्तीपुर संसदीय सीट पर इस बार मुकाबला मुख्य रूप से दो नए युवा उम्मीदवारों के बीच रहा. कांग्रेस ने सनी हजारी तो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की शांभवी चौधरी के बीच मुकाबला रहा. सनी हजारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता महेश्वर हजारी के पुत्र हैं तो वहीं शांभवी चौधरी जनता दल यूनाइटेड के नेता और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं.

समस्तीपुर जिला कृषि और उद्योग के लिए जाना जाता है. यहीं पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय है, जिसकी गिनती देश के नामी कृषि यूनिवर्सिटी में होती है. कभी समस्तीपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. लेकिन पिछले कुछ चुनावों से इस सीट पर एनडीए उम्मीदवार ही जीतते आए हैं.

2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी लोजपा के टिकट पर रामचन्द्र पासवान चुनाव लड़े थे और लगातार दूसरी जीत हासिल की थी. 2019 के चुनाव में रामचन्द्र पासवान को 562,443 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अशोक कुमार रहे थे. अशोक को 310,800 वोट मिले थे. इस चुनाव में रामचंद्र पासवान को हर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली थी. हालांकि, चुनाव जीतने के कुछ महीनों बाद ही रामचन्द्र पासवान की मृत्यु हो गई. इसके बाद उपचुनाव में इनके बेटे प्रिंसराज चुनावी मैदान में उतरे थे. प्रिंसराज ने एक बार फिर से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक राम को चुनाव में पटखनी दी.

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