बिना प्रस्वीकृति के चल रहे निजी स्कूलों में लगेंगे ताले
जिले में बिना प्रस्वीकृति के संचालित हो रहे निजी विद्यालय बंद होंगे. शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.
समस्तीपुर : जिले में बिना प्रस्वीकृति के संचालित हो रहे निजी विद्यालय बंद होंगे. शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार बिना प्रस्वीकृति के निजी स्कूलों की ओर से निर्गत टीसी अवैध मानी जायेगी, साथ ही निर्गत करनेवाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 कहता है कि बिना प्रस्वीकृति के प्राइवेट (निजी ) स्कूलों का संचालन नहीं हो सकेगा. लेकिन, जिले में नियम को ताक पर रख निजी स्कूल संचालित हो रहे है. शिक्षा विभाग द्वारा विकसित इ-संबंधन पोर्टल पर आवेदन अनिवार्य है. पोर्टल पर निजी स्कूल द्वारा आवेदन नहीं किया जायेगा, तो विधि सम्मत कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड का प्रावधान है. बावजूद इसके बिना प्रस्वीकृति के निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. ऐसे स्कूलों पर एक लाख रुपये तक का आर्थिक दंड किये जाने का प्रावधान है. दंड लगाये जाने के बावजूद निजी स्कूलों के संचालित होने पर विभागीय आदेश की अवहेलना मानते हुए प्रत्येक दिन 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है. पहले से प्रस्वीकृति प्राप्त प्राइवेट स्कूल धरातल पर चल रहे हैं या कागजों में सिमट कर रह गये हैं. उनके द्वारा विभागीय मापदंड के अनुसार प्रस्तुत किये गये कागजात ठीक है या नहीं. स्कूल की आधारभूत संरचना, शिक्षक व छात्रों की संख्या, पठन-पाठन से संबंधित संसाधनों की क्या स्थिति है. इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्वीकृति प्राप्त स्कूलों में कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके स्कूल परिसर में खेल मैदान नहीं है. इसके साथ ही कई अन्य खामियां हैं. विभाग अगर सही तरीके से जांच कराये, तो कई स्कूलों की प्रस्वीकृति रद्द करनी पड़ सकती है. यही नहीं, अधिकतर स्कूल आठवीं की मान्यता की आड़ में हाइस्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाएं चला रहे हैं. शिक्षा विभाग मानक विहीन ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने में अभी तक विफल हैं. प्रभारी डीईओ नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रस्वीकृति के बाद स्कूलों की जांच करना भी जरूरी है. क्योंकि विभागीय मापदंड के अनुसार प्रस्वीकृति लेने वाले स्कूलों की आधारभूत संरचना होनी चाहिए. साथ ही दिए गए मापदंड को पूरा करना चाहिए. जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
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