विद्यापतिनगर : प्रखंड की गढ़सिसई एवं मनियारपुर पंचायत में खरीफ फसल की तैयारी के मद्देनजर किसान चौपाल का आयोजन किया गया. कृषि प्रौद्योगिकी अनुसंधान अभिकरण व जिला कृषि पदाधिकारी निर्देश पर आयोजित चौपाल की अध्यक्षता प्रखंड तकनीकी प्रबंधक प्रीति कुमारी ने की. सुश्री कुमारी ने किसानों से खेतों की मिट्टी की जांच को अहम बताया. कहा फसलों के उन्नत पैदावार के लिए मिट्टी की जांच सर्वोपरि है. मिट्टी की जांच के बाद ही रासायनिक एवं कृत्रिम खाद का प्रयोग फसलों के लिए लाभकारी हो पाता है. पदाधिकारी ने किसान चौपाल में खरीफ में चलने वाली सरकार की योजनाओं की बिंदुवार जानकारी दी. इस क्रम में बीज वितरण, फसल कटनी, कृषि यांत्रिकीकरण, मोटे अनाज की खेती की विस्तृत चर्चा की गयी. वहीं, फसल अवशेष प्रबंधन, बीज टीकाकरण सहित अन्य योजना और उद्यानिक फसलों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. किसान चौपाल में कृषि समन्वयक प्रभात कुमार, तकनीकी प्रबंधक मधुकर श्लोक,उद्यान पदाधिकारी राकेश कुमार, किसान सलाहकार गिरीश कुमार लेखपाल चंदन कुमार ने अपने अनुभव को रखा. मौके पर मनियारपुर की मुखिया बेबी देवी, देवू रजक, जरीना खातून, अवधेश कुमार सिंह, कुलदीप महतो, लूसी देवी, मोहन कुमार, परशुराम कुमार, उषा देवी सहित किसान मौजूद थे. इस अवसर पर पदाधिकारी ने पौधरोपण किया.
अनुदानित बीज के प्रभेद से किसानों में असंतोष
कृषि विभाग से उपलब्ध हो रहे अनुदानित बीज से किसानों में असंतोष दिखाई पड़ रहा है. खासकर धान के बिचड़े के लिए सबौर सम्पन्न वेराइटी का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसे किसान नाकाफी करार देते हैं. इससे विवशतावश किसानों को एक ही प्रभेद के बीज लेने पड़ते हैं. किसानों की माने, तो पूर्व के वर्षों में बीज उपलब्ध कराये जाने का सिस्टम बेहतर था. जहां हाई ब्रीड वाले कई प्रभेद के बीज के चयन करने की योजना शामिल था. जिसे समाप्त कर बिहार बीज निगम के जरिये अब देसी प्रभेद के सीमित किस्म के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है