समस्तीपुर : स्टॉप डायरिया-2024 के तहत जिले में चिह्नित पांच वर्ष के नीचे के 758436 बच्चों को ओआरएस व जिंक पिलाया जायेगा. ओआरएस व जिंक की खुराक छह माह से ऊपर तथा पांच वर्ष से नीचे के बच्चों को दिया जा रहा है. डायरिया से होने वाली मृत्यु को शून्य करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जायेगा. इस बार दो माह तक यानि 22 सितंबर 2024 तक चलाया जायेगा. भारत सरकार के निर्देश पर इस अभियान को इस वर्ष एक सप्ताह से बढ़ाकर दो माह किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत डायरिया से बचाव, उसकी रोकथाम एवं उपचार के लिये संस्थान एवं समुदाय स्तर पर जागरूकता से संबंधित गतिविधियां भी चलायी जा रही है. इसको लेकर जिले के सभी पीएचसी और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कॉर्नर बनाया गया है. जहां बच्चों के लिये ओआरएस व जिंक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. इसे बच्चों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. स्टॉप डायरिया अभियान में छह विभाग के द्वारा योगदान दिया जा रहा है. जिसमें शिक्षा व आइसीडीएस का प्रमुख रोल है. इसके अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, लोक अभियंत्रण विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा अपनी भागीदारी निभायी जा रही है.
डायरिया के लक्षणों को नजर अंदाज नहीं करें
डायरिया स्टॉप कार्यक्रम बच्चाें के स्वस्थ भविष्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. डायरिया बाल मृत्यु के कारणों में एक प्रमुख कारण है. इससे बच्चों को बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पर्याप्त मात्रा में ओआरएस व जिंक मुहैया कराया जा रहा है. डायरिया के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन होने की समस्या बढ़ जाती है. कई समस्या जानकारी के नहीं होने के कारण जानलेवा तक बन जाता है. बच्चों में डायरिया के लक्षणों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए. बच्चों का इलाज ससमय होना चाहिए. डायरिया में बच्चों को ढीले और दस्त होते हैं, बच्चा बार-बार पूरे दिन मल का त्याग की इच्छा महसूस करता है. बच्चों में चक्कर और कमजोरी की समस्या भी हो सकती है. यदि दस्त संक्रमण के कारण होता है तो बच्चों में मतली, उल्टी, वजन कम होने, बुखार और खाने की इच्छा होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.डॉ. विशाल कुमार, प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, समस्तीपुर
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