पूसा : स्थानीय महम्मदपुर देवपार स्थित शैलजा कार्जी संस्कृति विद्यापीठ स्कूल में भारत के पुराने खेल लगोरी से जुड़ा प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी मैच का आयोजन किया गया. जिला लगोरी संघ के संयोजक दिलीप कुमार ने कहा कि यह खेल भारत में पांच हजार साल पुराना है. जिसे भारतीय ओलंपिक संघ, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा देश में मान्यता प्रदान किया गया है. इसकी शुरुआत इस विद्यालय से किया गया है. लगोरी एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव रंधीर कुमार ने कहा कि भारत सरकार की ओर से अक्टूबर व नवंबर माह में गोवा में आयोजित 37 वें राष्ट्रीय खेलों में इस खेल को खेला गया था. इसमें बिहार से जुड़े खिलाड़ियों ने भाग लिया था. उन्होंने कहा कि एमेच्योर लगोरी फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा इस खेल से जुड़े 10 सीनियर नेशनल लगोरी चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार के हर जिला में इसे खेला जायेगा. जिसे अपना कर खिलाड़ी अपने करियर को बना सकते हैं. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को लगोरी सेट दिया गया. शैलजा कार्जी संस्कृति विद्यापीठ के निदेशक भवेश कुमार कार्जी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस खेल का लगोरी नाम नया है. खेल को एकता व अनुशासन का परिचायक बताया. छात्र-छात्रा इस खेल को अपनाकर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं. प्रशिक्षण में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र आयूष कुमार, राहुल कुमार, प्रियांशु कुमार, रुपेश कुमार, रवि कुमार, विनीत कुमार, अजय कुमार, हिमांशु, सुधांशु, निखिल, आन्वी राय, भारती, भव्या, अभिलाषा, श्वेता, अभिलाषा, श्वेता सुमन, अलका कुमारी, आरती कुमारी ने भाग लिया. जिसे प्रशिक्षक राज कुमार ने विधाओं से जुड़े प्रशिक्षण दिये. मौके पर सुमन कुमारी, खिलाड़ी साक्षी सिंह, प्राचार्य सुनील कुमार शॉ, शारीरिक शिक्षक गोरेंगो विश्वास, प्रीति महतो उपस्थित थे.
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छात्रों को मिला लगोरी खेल पर आधारित प्रशिक्षण
पूसा : स्थानीय महम्मदपुर देवपार स्थित शैलजा कार्जी संस्कृति विद्यापीठ स्कूल में भारत के पुराने खेल लगोरी से जुड़ा प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी मैच का आयोजन किया गया.
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