चंद्रमा के जरिये उठेगा अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा, एनसीईआरटी ने पोर्टल को किया अपडेट, विशिष्ट मॉडयूल 13 क्षेत्रीय भाषाओं में हुआ लॉन्च………… जानिए अपडेट से छात्र व छात्राओं को क्या होगा फायदा

Students will learn space science through moon portal

By Prabhat Khabar News Desk | August 15, 2024 12:19 AM

समस्तीपुर: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद छात्रों में स्पेस के प्रति रुचि बढ़ी है. अंतरिक्ष विज्ञान अजूबों से भरा हुआ है. यह वह साइंस है, जो पृथ्वी से परे सोचने की जिज्ञासा उत्पन्न करता है. ग्रहों, उपग्रहों, तारों आदि के बारे में सोचने रिसर्च करने को प्रेरित करता है. पूरी दुनिया ने अंतरिक्ष में बहुत सारे रहस्यों से पर्दा उठाया है, लेकिन अभी भी हर रिसर्च कुछ नया कर जाता है. इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं. अभी भी कोई यह दावा नहीं करता कि उसे सब पता है. अब चंद्रमा पोर्टल के जरिए छात्र-छात्राएं अंतरिक्ष विज्ञान सीखेंगे. एनसीईआरटी ने पोर्टल को अपडेट किया है. अब बच्चे इस पर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे. इसके माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में वह भाग लेंगे. यही नहीं 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए चंद्रयान पर क्षेत्रीय भाषाओं में विशेष कोर्स मॉड्यूल भी बनाया गया है, जिसे 23 अगस्त राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस से पहले नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी पर अपलोड किया जाएगा. स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्राची पाण्डेय के निर्देश पर राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर ने इसे लेकर जिले को निर्देश दिया है. निदेशक ने कहा है कि भारत सरकार ने चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता पर प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की है. इसका उद्देश्य देश के युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों के प्रति लगाव और प्रेरित किया जाना है. चंद्रयान विषय पर 10वीं के विद्यार्थियों के लिए विशिष्ट मॉडयूल 13 क्षेत्रीय भाषाओं में लॉन्च किए गए हैं. क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी पर अपलोड किया जायेगा. एनसीईआरटी के द्वारा चंद्रयान मॉड्यूल के आधार पर ऑनलाइन क्लास के लिए विशेष 30 मिनट का वीडियो भी बनाया जा रहा है, जिसका लिंक सभी शैक्षिक संस्थानों के साथ साझा किया जायेगा. इसके साथ ही विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि अंतरिक्ष दिवस समारोह-2024 के आयोजन के समय किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को बुलाया जाए, जो छात्रों को स्पेस संबंधित गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. वही इसरो भ्रमण कार्यक्रम के तहत जिले के दो छात्र बेंगलुरु जाएंगे. बता दें कि इस बारे में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान को निर्देशित किया है. कहा गया है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर सरकारी विद्यालय के विद्यार्थी इसरो के बेंगलुरु केंद्र का भ्रमण कर अंतरिक्ष की दुनिया के बारे में जानेंगे. इसके तहत जिले से कम से कम दो छात्रों का चयन किया जाना है. भ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि बढ़ाते हुए क्षेत्र में अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है. जिला स्तर पर नौवीं की वार्षिक परीक्षा और दसवीं बोर्ड परीक्षा में टॉपर रहे छात्र-छात्राओं का चयन होगा. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि क्या आपके बच्चे ने कभी आपसे पूछा है, “अरे मां या पापा, आकाश में कितने तारे हैं? ” इसे एक सूक्ष्म संकेत के रूप में समझिए कि आपका बच्चा अंतरिक्ष के रहस्यों को जानना चाहता है. क्या आपको वो पुराने दिन याद हैं जब हम घास पर लेटकर आसमान को निहारते थे और अपनी कल्पनाओं को उड़ान देते थे? खैर, भले ही आज के बच्चों को वो मौका न मिले, लेकिन अंतरिक्ष की दुनिया के बारे में उनकी जिज्ञासा अभी भी प्रज्वलित है.

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