Samastipur News : अब दहेज प्रथा, बाल विवाह, छेड़छाड़, कोविड-19 आदि की पढ़ाई आपदा प्रबंधन के तहत होगी
Samastipur News : नौवीं से 12वीं तक के आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है. अब दहेज प्रथा, बाल विवाह, छेड़छाड़, कोविड-19 आदि की पढ़ाई आपदा प्रबंधन के तहत होगी
Samastipur News : नौवीं से 12वीं तक के आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है. अब दहेज प्रथा, बाल विवाह, छेड़छाड़, कोविड-19 आदि की पढ़ाई आपदा प्रबंधन के तहत होगी. इसके लिए एससीईआरटी ने पाठ्यक्रम तैयार किया है. पाठ्यक्रम विषयवार तैयार किया गया है. इसमें हिन्दी, अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन शास्त्र आदि से जुड़े तमाम अध्याय को जोड़ा गया है. इससे इन विषयों की पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को आपदा से संबंधित जानकारी भी मिलती रहेगी. बता दें कि अब तक आपदा या आपदा प्रबंधन की पढ़ाई एक से आठवीं कक्षा तक ही होती थी, लेकिन पिछले साल से नौवीं से 12वीं तक में आपदा और आपदा प्रबंधन (सुरक्षित शनिवार) को जोड़ा गया है. अब एससीईआरटी ने इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है. तमाम टॉपिक की पढ़ाई नौवीं से 12वीं तक के बच्चे करेंगे. आपदा और आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम चीजों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.
Samastipur News : 162 पेज का है पाठ्यक्रम
एससीईआरटी सूत्रों की मानें तो यह पाठ्यक्रम 162 पेज का है. इसमें पुराने अध्याय के साथ नये अध्याय को भी रखा गया है. पाठ्यक्रम को बनाने के लिए राज्य भर के 50 से अधिक शिक्षकों की विषय वार टीम बनाई गई थी. इस टीम ने अपने-अपने विषय से संबंधित आपदा को जोड़ा है. वहीं सुरक्षित शनिवार के तहत हर चौथे शनिवार को पेयजल, पोषण और स्वच्छता पर बच्चों के साथ चर्चा की जाती है. इस दौरान आपदा प्रबंधन के नोडल शिक्षक बच्चों के साथ बातें करते हैं. डीपीओ माध्यमिक नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन जरूरी है क्योंकि यह मानव जीवन के सुरक्षित रखने और उसकी संपत्ति को बचाने का एक तरीका है. आपदाएं अकस्मात घटित होती हैं और उनसे बचना मुश्किल होता है, लेकिन आपदा प्रबंधन योजनाओं और उनके अनुपालन से संभव होता है. इससे हम अपनी संपत्ति को खोने से रोक सकते हैं, लोगों की जान बचा सकते हैं और जानवरों और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं.