मोहिउद्दीननगर . प्रखंड क्षेत्र में खरीफ की खेती अधिकांशतः मानसून पर आधारित है. यद्यपि निजी नलकूपों की सहायता से किसान खरीफ की खेती भी करते हैं. प्रखंड के 17 पंचायतों में से 9 पंचायतें गंगा व वाया नदियों के बाढ़ से प्रतिवर्ष प्रभावित हो जाती हैं. बावजूद शेष पंचायतों में किसान खरीफ की खेती कर अच्छी उत्पादकता प्राप्त करते हैं. किसान अजय सिंह, रघुनाथ महतो, राजू ठाकुर, अशर्फी पासवान, शंकर राय, बल्ली राय आदि का बताना है कि खरीफ की खेती में लगातार मजदूरों की कमी, वर्षा की अनिश्चितता, समय से खाद व बीज की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होने से वैकल्पिक खेती की ओर किसान उन्मुख होने लगे हैं. ऐसी स्थिति में कृषि विभाग को खरीफ फसल की खेती को प्रोत्साहन के लिए विशेष कार्य योजना बनाने की जरूरत है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमलेश मिश्र ने बताया कि प्रखंड में 886 हेक्टेयर में धान व 1562 हेक्टेयर में मक्का आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए सरकारी स्तर से किसानों को अनुदानित दर पर बीज मुहैया कराने की व्यवस्था की गई. इनमें से कृषि विभाग की ओर से किसानों के बीच धान का 10 वर्ष से कम का प्रभेद 105 क्विंटल, धान का 10 वर्ष से अधिक का प्रभेद 22 क्विंटल व मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना से 5.40 क्विंटल धान बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सिवैसिंहपुर, राजाजान व भदैया पंचायतों की 75 एकड़ में विभागीय स्तर कलस्टर बनाया गया है. बीज प्राप्ति के लिए किसानों से शीघ्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश कृषि कर्मियों को दिया गया है.
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