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स्कूल के पास जिस शिक्षक का आवास नहीं, उन्हें अप्रैल का वेतन नहीं मिलेगा

जिले के सभी बीस प्रखंडों के कार्यालयों में कार्यरत शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षक को भी कार्यस्थल के समीप ही अपना आवास रखना होगा.

समस्तीपुर : जिले के सभी बीस प्रखंडों के कार्यालयों में कार्यरत शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षक को भी कार्यस्थल के समीप ही अपना आवास रखना होगा. विशेष परिस्थिति में ऐसे कर्मी अनुमंडल में रह सकते हैं पर, किसी हाल में जिलास्तर पर उन्हें आवास रखने की इजाजत नहीं दी जायेगी. इसको लेकर विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. विभाग ने अपने पत्र में यह भी साफ कर दिया है कि प्रखंड अथवा अनुमंडल में आवास रखने संबंधित प्रमाण-पत्र की जांच कर आश्वस्त होने के बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारी संबंधित पदाधिकारियों-कर्मियों के अप्रैल माह की वेतन राशि की निकासी करेंगे. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिलों को यह पत्र भेजा है. विभाग ने कहा है कि प्रखंड कार्यालयों में पदस्थापित-प्रतिनियुक्त कर्मियों के काम की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया है कि ये सभी अपने रोस्टर के अनुसार स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं. यह भी जानकारी मिली है कि ऐसे पदाधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यस्थल के समीप अपना आवास नहीं रखकर जिलास्तर पर रखे हुए हैं. इस कारण रोस्टर के अनुसार वह आवंटित स्कूलों का समय पर निरीक्षण नहीं कर रहे हैं. इससे निरीक्षण प्रभावित हो रहा है. यह एक गंभीर विषय है. विदित हो कि विगत दिनों निरीक्षण रोस्टर के मुताबिक विद्यालय निरीक्षण नहीं करने पर जिला शिक्षा विभाग के बारह कर्मियों पर कार्रवाई की गयी थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि प्रखंड-अनुमंडल स्तर पर आवास रखने संबंधी कागजात-प्रमाणपत्र (बिजली बिल, मकान मालिक का एकरारनामा और अन्य कागजात) की जांच कर यह आश्वस्त हो लें, उक्त आदेश का पालन उनके द्वारा किया जा रहा है. मालूम हो कि राज्य के स्कूलों का निरंतर निरीक्षण जुलाई, 2023 से ही चल रहा है. गर्मी की छुट्टी में भी स्कूलों में विशेष कक्षाएं चल रही हैं. इसको देखते हुए छुट्टी की अवधि में भी पदाधिकारी और कर्मी स्कूलों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. बताते चले कि शिक्षकों को दिया जाने वाला हाउस रेंट अलाउंस अब सीधे मकान मालिक के खाते में दी जायेगी. इसके लिए सरकार प्रखंड से लेकर पंचायत और जिला स्तर पर मकान को लीज पर लेगी. उन्हें लीज पर लेने के बाद उसे शिक्षकों को अलॉट कर दिया जायेगा और उसी में शिक्षक रहेंगे और पास के विद्यालय में अपना योगदान देंगे. शिक्षकों के लिए स्कूल के बगल में ही आवास की सुविधा मुहैया कराई जायेगी. इसको लेकर विज्ञापन भी निकाला था. शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर इसके लिए विज्ञापन भी निकला गया था. निजी प्रॉपर्टी और किसी फर्म से इसके लिए आवेदन की मांग की गयी थी.

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