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ज्ञानदीप पोर्टल: सर्वर में तकनीकी समस्या, आवेदन में कठिनाई

शिक्षा विभाग का ज्ञानदीप पोर्टल का सर्वर काम नहीं करने से परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर ज्ञानदीप पोर्टल पर आवेदन करने का आदेश जारी की गई थी.

समस्तीपुर : शिक्षा विभाग का ज्ञानदीप पोर्टल का सर्वर काम नहीं करने से परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर ज्ञानदीप पोर्टल पर आवेदन करने का आदेश जारी की गई थी. लेकिन आवेदन के लिए निर्धारित तिथि के चार दिन बाद भी ज्ञानदीप पोर्टल का सर्वर काम नहीं कर रहा है. जिस कारण आवेदन करने वाले अभिभावकों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है. ज्ञानदीप पोर्टल पर नामांकन के लिए बच्चों का आवेदन करने के दौरान जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र (निवास प्रमाण नहीं होने की स्थिति में नामांकन के तीन माह के अंदर निवास प्रमाण पत्र देना होगा), उनके पिता का आय प्रमाण पत्र, पिता का आधार कार्ड(नामांकन के पश्चात बच्चों का आधार कार्ड), मोबाइल नंबर, फोटो की आवश्यकता पड़ेगी. अभिभावकों को अपने प्रखंड के विद्यालयों का ही चयन करना होगा. विद्यालय से घर की दूरी कम रहने वाले छात्रों को विद्यालय आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी. विद्यालय चयन ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से होगी. दिव्यांग बच्चों के लिए पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नामांकन के लिए आवेदन की तिथि 1 जून से 16 जून तक निर्धारित की गई थी. जबकि स्कूल आवंटन 18 से 19 जून व चयनित छात्रों का सत्यापन व विद्यालय में प्रवेश की तिथि 20-30 जून निर्धारित की गई थी. लेकिन, फिलहाल सर्वर काम नहीं कर रहा है. आरटीई के माध्यम से कक्षा 1 में प्रवेश के लिए छात्रों की जन्म तिथि 2 अप्रैल 16 से 01 अप्रैल 2018 के बीच होनी चाहिए. वहीं अलाभकारी समूह के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे जिनके माता पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपए तक होनी चाहिए. ज्ञानदीप पोर्टल के काम करते ही निजी स्कूलों की शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नि:शुल्क नामांकन में होने वाली धांधली नहीं कर पाएंगे. अब निर्धन परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कराने के लिए स्कूलों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिले में निजी स्कूलों की संख्या करीब 700 से अधिक है. लेकिन प्रस्वीकृति प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या मात्र 592 है. जबकि करीब दो सौ निजी स्कूल ही ज्ञानदीप पोर्टल पर पंजीकृत है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा में 25 फीसदी नामांकन लेना अनिवार्य है. नि:शुल्क नामांकित छात्रों का भुगतान सरकार प्रति छात्र के हिसाब से सालाना करती है. अब तक यह प्रक्रिया निजी स्कूल अपनी मर्जी से किया करते थे. अब निजी स्कूलों की मनमर्जी पर रोक लगेगा.

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