मोहनपुर. गंगा नदी के जलस्तर में कोई वृद्धि दर्ज शुक्रवार को नहीं की गई. जलस्तर स्थिर रहा. लेकिन बाढ़ के संकट से स्थानीय लोगों को निजात नहीं मिल पाई है. मध्य विद्यालय सरारी में जल संसाधन विभाग के लगाये गये शिविर के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर 20 सेंटीमीटर ऊपर है. गुरुवार को यह खतरे के निशान से 2 मीटर 3 सेंटीमीटर ऊपर थी. रात में करीब 17 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद शुक्रवार के दिन में जलस्तर स्थिर हो गया. गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर का दबाव तटबंध पर अभी भी बना हुआ है. स्थानीय लोग भदई फसलों और पशु चारों का नुकसान झेल चुके हैं. उनमें सरकार से मांग की आवाज उठ रही है. हालांकि उड़ती हुई खबर यह आई की धरनीपट्टी पश्चिम के हरदासपुर गांव को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है. लेकिन इसकी कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है. राजनीतिक से जुड़े हुए स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन पर क्षेत्र को बाढ प्रभावित घोषित करने का दबाव बना रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक राजेश कुमार सिंह ने इस संबंध में राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन से बात भी की है. जन सुराज पार्टी के नेता राज कपूर सिंह ने जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा से भेंट कर क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की. पूर्व विधायक डा. एज्या यादव ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया है और जनजीवन के संकट में होने की बात बताई है. उन्होंने सरकार से सहायता शिविर संचालित करने की मांग की है. जनप्रतिनिधियों की पहल के बावजूद सामुदायिक किचन का संचालन नहीं किया गया. पालतू पशुओं के लिए चारे की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है. लोग प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. गंगा नदी से निकला हुआ पानी लोगों के घर आंगन में अभी भी कायम है. सडके जलमग्न है. जिसे आवागमन पूरी तरह प्रभावित हुआ है. जलस्तर में स्थिरता के बावजूद लोगों का संकट कम नहीं हुआ है.
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