रंगकर्मी सफदर हाशिमी के अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प
रंगकर्मी सफदर हाशमी के 37 वीं पुण्य तिथि शहादत दिवस के रूप में मनायी गयी.
समस्तीपुर . रंगकर्मी सफदर हाशमी के 37 वीं पुण्य तिथि शहादत दिवस के रूप में मनायी गयी. इस अवसर पर शहर के स्टेशन चौक स्थित गांधी स्मारक परिसर में स्मृति सभा हुई. अध्यक्षता जनवादी लेखक संघ के जिलाध्यक्ष शाह जफर इमाम व सीटू के जिलाध्यक्ष रघुनाथ राय ने संयुक्त रूप से की. संचालन चंदेश्वर राय ने किया. उपस्थित नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सफदर हाशमी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. स्मृति सभा को विभूतिपुर के विधायक अजय कुमार, सीटू के राज्य महासचिव अनुपम कुमार, जिला सचिव मनोज कुमार गुप्ता, किसान सभा के जिला सचिव सत्य नारायण सिंह, गंगाधर झा, खेमयू जिलाध्यक्ष रामसागर पासवान, रामदयाल भारती, मीड-डे-मिल वर्कर्स यूनियन के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश यादव, एसएफआई के जिलाध्यक्ष नील कमल व जिला सचिव छोटू कुमार भारद्वाज, डॉ. अरुण अभिषेक, अरविंद कुमार दास ने संबोधित किया. वक्ताओं ने सफदर हाशमी को एक महान रंगकर्मी की संज्ञा देते हुए उनके अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प व्यक्त लिया. अध्यक्षीय संबोधन में शाह ज़फ़र इमाम ने सफदर हाशमी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि वे एक साथ कवि, लेखक, निर्देशक, नाट्यकर्मी व सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ने वाले समर्पित योद्धा थे. विदित हो कि 1 जनवरी 1989 को दिल्ली से करीब चालीस किलोमीटर दूर साहिबाबाद के झंडापुर कस्बे में हल्ला बोल नाटक करते समय सफदर हाशमी के साथियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला कर दिया गया. जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई. अपने साथियों को बचाने में सफदर बुरी तरह घायल हो गये. 2 जनवरी 1989 को दिल्ली के अस्पताल में उनका निधन हो गया. नौजवान सभा के नेता महेश कुमार और नरेन्द्र कुमार टुनटुन ने इस अवसर पर इंकलाबी गीत पेश किये. कार्यक्रम में विनय कुमार सिन्हा, उपेन्द्र राय, कासिम सबा, सुखदेव राय, सुरेश राम, अनिल कुमार राय, लक्ष्मी पासवान आदि थे.
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