Mukhiya murder case: भाई के सामने हुई हत्या, एक मिनट की मिलती मोहलत तो बच जाती मुखिया की जान

Then the chief's life would have been saved. भाई के सामने ही भाई की हत्या हो गई. एक मिनट की मोहलत मिलती तो भाई की जान बच जाती.

By Prabhat Khabar News Desk | September 23, 2024 11:51 PM

Mukhiya murder case: मोरवा : भाई के सामने ही भाई की हत्या हो गई. एक मिनट की मोहलत मिलती तो भाई की जान बच जाती. ऐसा कहकर बरबस गला उस भाई का गला बैठ जाता है जिसकी आंखों के सामने मुखिया नारायण शर्मा की हत्या कर दी गई. मृतक मुखिया के भाई दिलीप शर्मा के आंखों के सामने ऐसी घटना घटित हुई और वह कुछ नहीं कर सके. सोमवार को पूर्व विधायक राष्ट्रीय सचिव विद्यासागर सिंह निषाद बनबीरा पंचायत पहुंचे. हालात का जायजा लिया. मृतक के भाई दिलीप शर्मा, पुत्र हर्ष कुमार आदि से जायजा लेते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. पूर्व विधायक ने कहा कि अपराधी को कठोर से कठोर सजा मिले इसके लिए वे प्रशासन के आला अधिकारियों से बात करेंगे. इसी मौके पर मुखिया के भाई ने दर्द बयां करते हुए बताया कि रात्रि के करीब नौ बजे हुए कुछ लोगों के साथ वह डीहिया पुल के पास पहुंचे थे. उससे थोड़ी देर पहले ही उनके भाई नारायण शर्मा वहां गये थे. वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि राकेश सहनी हाथ में पिस्तौल लिए उनके भाई के कलेजा पर सटाये हुए है. जब तक वे बाइक से उतरते और कुछ समझ पाते उसने फायर कर दिया. गोली सीधे उनके भाई के सीने में लगी. वहीं गिर गये. हालांकि, दोनों भाइयों ने मिलकर उसे बदमाश का पिस्तौल छीन लिया. लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी. इधर, अपराधी भाग खड़ा हुआ उधर उनके भाई की जान चली गई.

Mukhiya murder case: उनके भाई का किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी.

मृतक मुखिया के भाई के द्वारा बताया गया कि उनके भाई का किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. उनके भाई से मिलना-जुलना करता था. यह घटना इतनी बड़ी हो जायेगी. किसी ने नहीं सोचा था. घटनास्थल की अगल बगल में दाह संस्कार में शामिल होने गये दो-चार लोग खड़े थे. लेकिन, सबके बीच में इतनी बड़ी घटना हो गई. सारी वारदात उनकी आंखों के सामने हुई थी. उन्हें अफसोस है कि वह अपने भाई की जान को बचा नहीं सके. मौके पर पूर्व विधायक बताया कि परिवार को सुरक्षा समेत अन्य सुविधाएं मुहैया हो. इसके लिए वह प्रशासन के लोगों से बात करेंगे. मौके पर सीताराम राय, अशोक दास, चंदेश्वर पासवान, नेमो लाल रजक, चौधरी सहनी, संजय सहनी, अरुण सक्सेना मौजूद थे.

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