Three-day training of sugarcane entrepreneurs: इंटरप्रेन्योरशिप विकसित करने की जरूरत : डीआर

Three-day training of sugarcane entrepreneurs गन्ना उत्पादकों को उद्यमी के रूप में सशक्त बनाना विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 12:10 AM
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Three-day training of sugarcane entrepreneurs:पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में गन्ना उत्पादकों को उद्यमी के रूप में सशक्त बनाना विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. अध्यक्षता करते हुए निदेशक अनुसंधान डा अनिल कुमार सिंह ने कहा कि किसानों के बीच इंटरप्रेन्योरशिप विकसित करने की जरूरत है. जिससे फसल उत्पादों के बदले किसानों को समुचित लाभ मिल सके. बढ़ते हुए आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के लिए खाद्यान के साथ किसानों को उद्यमिता से जोड़ने की जरूरत है. दिन व दिन अस्पताल के साथ मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है. खेती में विविधीकरण होने से किसानों को स्थायी आमदनी होगी. खाद्य सुरक्षा के बाद पोषण सुरक्षा भी कर चुके हैं. इसके अलावा खेती को ज्यादा से ज्यादा आमदनी के लिए नकदी फसल की ओर करने की आवश्यकता है गन्ना एक औद्योगिक फसल है. गन्ना वर्ष में एक ही बार आमदनी देती है. बिहार में 33 चीनी मिल थी. इसमें से कुछ विभिन्न कारणों से बंद हो गई. इसमें से सारण में अवस्थित तकनीकी चीनी मिल है. परंपरागत समय में फार्म उपयोगी गन्ना की फसल थी, जबकि आज के तकनीकी युग में फार्मर उपयोगी फसल के रूप में अपनी पहचान विकसित कर चुका है. बदलते मौसम के परिवेश के बावजूद गन्ना जलवायु अनुकूल फसल है.

Three-day training of sugarcane entrepreneurs:गन्ना औद्योगिक फसल के साथ साथ एक राजनीतिक फसल भी है.

गन्ना औद्योगिक फसल के साथ साथ एक राजनीतिक फसल भी है. गन्ने की उत्पादन, प्रसंस्करण एवं बाजार पर कार्य करने से किसानों की आमदनी दोगुनी होना तय है. प्रोडक्ट प्राइस प्लेस प्रमोशन एवं पेसेंस पर आधारित उद्यमिता होनी चाहिए. स्वागत वैज्ञानिक फूलचंद ने किया. वैज्ञानिक डॉ एमएल मीणा ने कहा भारत सरकार की तरफ से दर्जनों कृषि से जुड़े योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जो किसान एफपीओ या किसी समूह से जुड़कर अपने उत्पादों को बाजार तक भेजते हैं उन्हें उत्पादन के बदले समुचित लाभ मिलने की संभावना होती है. संचालन करते हुए प्रसार शिक्षा उपनिदेशक प्रशिक्षण डॉ विनिता सतपथी ने कहा कि किसान ही नहीं बल्कि एक सफल उद्यमी बनने की जरूरत है. प्रोडक्शन प्रॉफिट प्रोसेसिंग की मदद से बेहतर बाजार मिलने की आसार होती है. धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ फूलचंद ने किया. मौके पर बिहार के चयनित जिले के किसान एवं एटीएम के अलावा सुरेश कुमार मौजूद थे.

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