समस्तीपुर : बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा बिहार राज्य आपदा संसाधन नेटवर्क से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कक्ष में किया गया. प्रशिक्षण में बताया गया कि बिहार मुख्य रूप से ग्रामीण पृष्ठ भूमि के साथ-साथ एक बहु-आपदा प्रवण राज्य है. बिहार की भू-परिसंपत्ति की संरचना इसे अनेक आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है. यहां रहने वाले लाखों लोगों का जीवन इन आपदाओं से प्रभावित होते रहता है. यहां प्राकृतिक व मानव जनित आपदायें-बाढ़, सुखाड़, भूकंप, आग, चक्रवात, तूफान, सड़क दुर्घटना, भगदड़, महामारी, नौका दुर्घटनाओं, व्रजपात, शीतलहर व गर्म हवाओं का कहर समय-समय पर होते रहता है. इससे जान माल की क्षति होती है. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्र मौसमीय गतिविधियां में वृद्धि देखने को मिलती है. इसके लिये पर्यावरण संवेदी उपायों को करने की आवश्यकता होती है. बताया गया कि आपदा पश्चात किये जाने वाले उपायों से आपदा पूर्व तैयारियों, बेहतर संस्थागत व्यवस्थाओं, अधिक जागरूकता और पहले से अधिक तैयारियों जैसे परिवर्तन के साथ बिहार एक सुरक्षित राज्य बनने की ओर अग्रेसर है. विभिन्न क्षेत्रों का एक ऑनलाइन डाटाबेस बिहार स्टेट डिजास्टर रिकोर्स नेटवर्क ( बीएसडीआरएन) तैयार किया गया है. बीएसडीआरएन की स्थापना का उद्देश्य एक ऐसा राज्य राजस्तरीय डाटाबेस तैयार करना है, जाे आकस्मिकता या आपदा के प्रबंधन के समय विभिन्न हितभागियों एवं प्रशासन का उपलब्ध संसाधनों की जानकारी प्रदान करेगा. यह जानकारी सभी आपदा प्रबंधकों को विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध होगी. बीएसडीआरएन एक वेब आधारित प्लेटफार्म होगा जो विभिन्न उपकरणों, प्रशिक्षित मानवीय संसाधनों एवं अत्यावश्यक सामग्रियों की जानकारी आपदा रिस्पांस के लिये उपलब्ध करायेगा. इसका प्रमुख उद्देश्य आपदा के समय उपयोग होने वाले उपकरणों एवं मानव संसाधनों के विषय में सही जानकारी उपलब्ध कराना है, जिससे कि किसी भी आपदा का सामना किया जा सके.इसके माध्यम से विभिन्न जिलों में विभिन्न आपदाओं के प्रति तैयारियों का अनुमान भी लगाया जा सकेगा. इसके माध्यम से आपदा के तुरंत बाद के समय में लोगों तक प्रभावी रिस्पांस एवं राहत पहुंचाकर उनकी जान बचायी जा सकेगी.
क्या है बीएसडीआरएन की कार्यप्रणाली
बीएसडीआरएन को ऑनलाइन इनवेंटरी प्राधिकरण की वेबसाइट पर होस्ट की जायेगी. इसमें कोई भी संस्था, संगठन, विभाग या व्यक्ति अपने पास उपलब्ध संसाधन जो बाढ़, सुखाड़, सड़क दुर्घटना, नाव दुर्घटना, भूकंप जैसी आपदाओं के समय त्वरित कार्रवाई के लिए प्रयोग में लाये जाएंगे. इसे डाटा बेस में अंकित कर सकता है. जिससे वेब पोर्टल पर खोजकर प्राप्त किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है