पारितंत्र का महत्वपूर्ण घटक है कछुआ : कुणाल
कछुआ पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार व वास स्थान में क्षरण के कारण कछुए की आबादी तेजी से घट रही है.
मोहनपुर : कछुआ पारितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है. बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार व वास स्थान में क्षरण के कारण कछुए की आबादी तेजी से घट रही है. इसे संरक्षित करने के लिए सरकारी प्रयास के अलावा आमजन को जागरूक होने की जरूरत है. यह बातें भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के सहायक समन्वयक कुणाल कुमार सिंह ने कही. वे गुरुवार को रसलपुर में विश्व कछुआ दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी के दौरान बोल रहे थे. अध्यक्षता रामनाथ सिंह ने की. संचालन निशांत कुमार सिंह ने किया. वक्ताओं ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण को भ्रमित करने वाले पृथक प्रबंधन के मुद्दे को हल करने के लिए सीमा शुल्क, बाजार पर्यवेक्षक व सार्वजनिक सुरक्षा विभागों जैसे प्रासंगिक कानून, प्रवर्तन विभागों के समन्वय के एक-एक प्रभावी तंत्र स्थापित करना आवश्यक है. ऐसी स्थिति में कछुए के प्रजनन काल ट्रेस करने, योग्य अंकन प्रणालियों और सख्त पर्यवेक्षण को लागू करके, सावधानीपूर्वक पंजीयन, रिकॉर्ड, चिन्हित और पहचाना जाना चाहिए. वहीं कानून और विनियमों के बचाव गतिविधियों का मानकीकरण करना चाहिए. इस क्रम में योग्य और गैर लाभकारी संगठनों को कछुआ के बचाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. संगोष्ठी के अंत में गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच कछुआ संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया. इस दौरान आमजन से कछुआ के संदर्भ में व्याप्त भ्रांति से दूर रहने की अपील की गई. इस मौके पर पंकज कुमार, सौरव कुमार, नीरज कुमार सिंह, पतिराम सिंह, गन्नौर दास, नारायण दास, भगेरन दास, बैजू महतो, रामाश्रय साह मौजूद थे.
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