5 वर्षीय बच्ची की हत्या मामले में 26 वर्ष बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला

इस तरह के फैसला को सुनने के लिए कोर्ट परिसर में सैकड़ो की संख्या में दोनों पक्ष के लोग जमे रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2025 10:19 PM

रोसड़ा. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय उमेश कुमार के कोर्ट ने बुधवार को एक ही कांड में दोनों पक्षों के 11 दोषी के विरुद्ध अहम फैसला सुनाते हुए सजा मुकर्रम कर दी.इस तरह के फैसला को सुनने के लिए कोर्ट परिसर में सैकड़ो की संख्या में दोनों पक्ष के लोग जमे रहे.इसमें महुली गांव निवासी पूर्व मुखिया एवं राजद नेता जीवछ यादव को भी सजा मिली है. कोर्ट ने मृतक बच्ची के पिता युगेश्वर यादव की ओर से दर्ज प्राथमिकी से संबंधित सत्रवाद की सुनवाई करते हुए दोषी कृष्णकांत हिमांशु, घनश्याम प्रसाद निराला एवं उमेश कुमार केसरी को भादवि की धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई.साथ ही 25 हजार रुपए अर्थ दंड देने का फैसला सुनाया.27 आर्म्स एक्ट के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए का अर्थ दंड देने,धारा 147 के तहत 2 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपए जुर्माना,धारा 148 के तहत 2 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपए जुर्माना, 452/149 के तहत 5 वर्ष की सजा एवं 5 हजार रुपए जुर्माना,427/149 के तहत 2 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई.अर्थ दंड नहीं देने पर 6 माह का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. वहीं दूसरे पक्ष की ओर से सुरेश यादव के बयान पर दर्ज मामले से संबंधित सत्रवाद में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पूर्व मुखिया सह राजद नेता जीवछ यादव के अलावे युगेश्वर यादव,उनकी पत्नी कौशल्या देवी,नेपाल यादव,शंकर यादव,भुनेश्वर यादव,महेंद्र यादव एवं भूषण यादव को भादवि की धारा 304/149 के तहत 10 वर्ष की सजा एवं 2 हजार रुपए अर्थ दंड,धारा 120 (बी) के तहत 10 वर्ष की सजा एवं 2 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई.अभियुक्त युगेश्वर यादव को इसके अलावे धारा 148 के तहत 3 वर्ष की सजा एवं 5 हजार रुपए जुर्माना,27 आर्म्स एक्ट के तहत 7 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई गई.अर्थ दंड नहीं देने पर 6 माह का कठोर सजा का फैसला सुनाया गया. बता दें कि मृतक बच्ची सिकिन कुमारी (5) को विगत 26 वर्ष पूर्व गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.मामले में मृतक बच्ची के पिता युगेश्वर यादव के द्वारा थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी को पुलिस ने सत्य करार दिया था.जबकि अभियोग पत्र के आधार पर दर्ज किए गए मामले को पुलिस ने असत्य करार दिया था. इसके वादी ने कोर्ट में प्रोटेस्ट दायर कर कई गवाहों का बयान दर्ज होने के बाद मामले की सुनवाई हुई थी.सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने दोनों मामले के अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.यह घटना विगत 20 जून 1998 की है.थाना क्षेत्र के महुली गांव निवासी युगेश्वर यादव की दिव्यांग पुत्री की हत्या कर दी गई थी.इस मामले में बच्ची के पिता के बयान पर मुंशी यादव एवं उनके पुत्रों को नामजद किया गया था. वहीं गांव के सुरेश यादव ने कोर्ट में अभियोग पत्र दायर कर बच्ची के माता-पिता एवं अन्य लोगों पर ही साजिश के तहत हत्या करने एवं इन लोगों को फसाए जाने का आरोप लगाया था.कोर्ट में फैसला सुनाते वक्त सरकार पक्ष से अपर लोक अभियोजक महेंद्र नारायण यादव एवं बचाव पक्ष से अधिवक्ता उपेंद्र ठाकुर एवं परमेश्वर प्रसाद सिंह थे.

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