13 नवंबर से होगा तीन दिवसीय विद्यापति राजकीय समारोह
महाकवि विद्यापति भक्तिभाव के प्रणेता हैं. कवि के प्रति सच्ची निष्ठा से ही विद्यापति राजकीय समारोह सफल हो सकता है.
कवि विद्यापति के प्रति सच्ची निष्ठा से होगा राजकीय समारोह सफल : डीएम, 13 नवंबर से शुरू तीन दिवसीय विद्यापति राजकीय समारोह को ले डीएम ने की बैठक
विद्यापतिनगर : महाकवि विद्यापति भक्तिभाव के प्रणेता हैं. कवि के प्रति सच्ची निष्ठा से ही विद्यापति राजकीय समारोह सफल हो सकता है. ये बातें समस्तीपुर के डीएम रौशन कुशवाहा ने आयोजित होने वाले समारोह की तैयारी को लेकर सोमवार को हुई बैठक में कही. डीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में समारोह को लेकर पूर्व के अनुभव व नये सुझाव शेयर किये गये. डीएम ने अधिकारियों का ध्यान समारोह स्थल की स्वच्छता पर केंद्रित कराया. साथ ही विद्यापतिधाम मंदिर के रंग रोगन, धार्मिक साज सज्जा व सांस्कृतिक लोकभावना वातावरण बनाये जाने का निर्देश दिया. डीएम ने तीन दिवसीय समारोह में धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए उच्चकोटि के गायक कलाकार का चयन करने एवं परंपरा के मुताबिक कवि सम्मेलन के लिए कोटि के कवियों का चयन कर उन्हें आमंत्रित किये जाने की बात कही. तीन दिवसीय समारोह में प्रथम दिन 13 नवंबर को महा कवि की श्रद्धांजलि सभा दूसरे दिन कवि सम्मेलन व तीसरे दिन स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. बैठक के पश्चात डीएम ने अधिकारियों के साथ समारोह स्थल विद्यापतिधाम परिसर का निरीक्षण किया. यहां गंदगियों, कूड़ा, कचरा का अंबार देख जल्द साफ कराने का आदेश दिया. बैठक में एडीएम, एसडीओ, डीएसपी, बीडीओ, सीओ, एसएचओ सहित अलग अलग विभाग के पदाधिकारी व स्थानीय श्रद्धालु मौजूद थे.समारोह के लिए रेलवे नहीं देगी जमीन
वर्षों से ही विद्यापति राजकीय समारोह रेलवे की जमीन में होता आया है. इस वर्ष रेलवे ने समारोह आयोजित किए जाने की अनुमति नहीं दी है. इससे आयोजित होने वाला बड़ा समारोह पर संशय के बादल मंडराने लगा है. डीएम ने स्थानीय श्रद्धालुओं से स्थल चयन करने की बात कही है. फिलवक्त श्रद्धालुओं ने मान्यता से बेदखल किए गए विद्यापति इंटर कॉलेज परिसर के चयन की बात कही है जो विद्यापतिधाम से अलग-थलग संकीर्ण स्थल या परिसर के रूप में जाना जाता है. लोगों की मानें तो उक्त स्थल पर राजकीय समारोह कागजी खानापूर्ति साबित हो सकता है. विद्यापतिधाम शिवालय से सटे रेलवे की खाली पड़ी भूमि में हर वर्ष यह समारोह धूमधाम से मनाया जाता रहा है. इधर, कुछ वर्षों से विद्यापतिधाम मंदिर के कथित संरक्षक के अलग अलग खेमे में खींचतान व रेलवे विभाग से लुका-छुपी के जारी खेल से मामला अलग स्वरूप धारण कर चुका है. सूत्रों की माने तो मंदिर परिसर के आस पास रेलवे की जमीन का अतिक्रमण कर पक्के कच्चे मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान से रेलवे की नाराजगी आये दिन देखने को मिल रही है.
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