आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर हाेंगे दंड के भागी

समस्तीपुर : लोकसभा निर्वाचन 2024 को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता आम लोगों, राजनीतिक दलों के साथ सरकारी अधिकारियों व कर्मियों पर भी समान रूप से जारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 19, 2024 10:50 PM

समस्तीपुर : लोकसभा निर्वाचन 2024 को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता आम लोगों, राजनीतिक दलों के साथ सरकारी अधिकारियों व कर्मियों पर भी समान रूप से जारी है. इसको लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा आदेश जारी किया गया है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि निर्वाचन की घोषणा के साथ ही पदाधिकारी व कर्मचारी चुनाव की समाप्ति तक की अवधि के लिये निर्वाचन आयोग के अधीन प्रतिनियुक्त समझें जायेंगे. इसके साथ ही सभी अधिकारी व कर्मी आयोग के ही नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन में हैं. निर्वाचन कर्तव्यों के निष्पादन के क्रम वे किसी गलती और भूल के लिये आयोग के प्रति ही जिम्मेवार होंगे. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों व कर्मियों पर आदर्श आचार संहिता के सभी बिंदु सामान रूप से लागू हैं. सभी सरकारी पदाधिकारियों व कर्मचारियों को पूर्ण निष्पक्षता की नीति का पालन करना है. उन्हें न सिर्फ सैद्धांतिक रूप और व्यावहारिक रूप में भी निष्पक्षता प्रदर्शित करनी है. उन्हें हर विवादास्पद स्थिति से बचना चाहिये ताकि यह संदेश उत्पन्न नहीं हो कि उनके द्वारा किसी पार्टी या प्रत्याशी का पक्ष लिया जा रहा है. कोई भी सरकारी पदाधिकारी व कर्मी अपने निजी वाहन या आवास पर किसी दल का झंडा व चुनाव चिंह नहीं लगायेंगे. ऐसा करने पर उन्हें दंडित किया जायेगा. उन्हें किसी भी चुनावी सभा व प्रचार में भाग नहीं लेना है.चुनाव अवधि के दौरान मंत्रियों द्वारा किये जा रहे दौरों के समय सरकारी पदाधिकारियों व कर्मचारियाें को न तो मंत्रियों के चुनावी मीटिंग की व्यवस्था करनी है, न ही उन्हें स्वयं इस दौरान उपस्थित रहना है. मंत्रियों के दौरों को सरकारी अतिथि नहीं समझा जायेगा, उन्हें सरकारी वाहन या सरकारी आवास की व्यवस्था या सरकारी खर्च पर मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध कराना प्रतिबंधित है.सार्वजनिक जगहों पर चुनावी सभायें व बैठकों की अनुमति देने में किसी दल के के बीच कोई भेदभाव नहीं रखेंगे. अगर एक से अधिक पार्टियां एक ही जगह और एक ही समय के लिये ऐसी अनुमति के लिये आवेदन करते हैं, तो पहले आवेदन करने वालों को प्राथमिकता देनी है.किसी दल के चुनाव अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या मतगणना अभिकर्ता के रूप में काम नहीं करना है. किसी अभ्यर्थी, दल या अन्य संबंधित व्यक्ति को किसी प्रकार का अनुदान व ग्रांट नहीं देंगे.ऐसा करने वालों को तीन माह का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित होंगे.कोई भी पदाधिकारी व कर्मी क्षेत्रीय यात्राओं के दौरान किसी राजनीतिक नेताओं, गांव के मुखिया या प्रभावशाली व्यक्तियों के नहीं ठहरेंगे, जलपान, भोजन आदि नहीं करेंगे. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मियों से इसका सख्ती से पालन करने काे कहा है, किसी भी तरह चूक होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 129 ए, 134 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.

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