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पश्चिम बंगाल में व्यवसायी पर हुए जानलेवा हमला मामले में बंगाल पुलिस ने तीन संदिग्ध को पकड़ा

हमला और फायरिंग मामले की जांच में समस्तीपुर पहुंची बंगाल पुलिस ने स्थानीय नगर थाना के सहयोग से शहर में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर अलग-अलग स्थान से तीन संदिग्ध लोगों काे उठाया.

समस्तीपुर : पश्चिम बंगाल के बेलघरिया थाना इलाके में बीते 15 जून को प्रतिष्ठित व्यवसायी पर हुए जानलेवा हमला और फायरिंग मामले की जांच में समस्तीपुर पहुंची बंगाल पुलिस ने स्थानीय नगर थाना के सहयोग से शहर में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर अलग-अलग स्थान से तीन संदिग्ध लोगों काे उठाया. इसमें जिला पुलिस की डीआइयू टीम भी बंगाल पुलिस का सहयोग कर रही थी. पकड़े गये संदिग्धों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के मगरदही वार्ड 15 निवासी संजीव पासवान के पुत्र राहुल कुमार, राज कुमार चौधरी के पुत्र राहुल कुमार और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जितवारपुर हसनपुर निवासी तेतर पासवान के पुत्र अंकित कुमार के रूप में बतायी गयी है. नगर थाना में शुक्रवार को आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने पकड़े गये तीनों संदिग्धों का सदर अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराया. इसके बाद बंगाल पुलिस अभिरक्षा में तीनों आरोपितों को स्थानीय व्यवहार न्यायालय में पेश किया. कोर्ट के आदेश पर तीनों संदिग्धों को रिमांड पर लेकर पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़े गये तीनों आरोपितों की भूमिका इस घटना में संदेहास्पद बतायी गयी है.

हमला से पूर्व मांगी थी रंगदारीबीते 15 जून को पश्चिम बंगाल के व्यवसायी पर जानलेवा हमला और फायरिंग से पूर्व अपराधियों ने बेउर जेल से मोबाइल पर वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी ) के जरिये व्यवसायी के मोबाइल पर कॉल कर पचास लाख रुपये रंगदारी मांगी थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार अपराधियों ने रंगदारी के लिए जिस मोबाइल सिम का इस्तेमाल किया था, वह समस्तीपुर के मगरदही मोहल्ला से पकड़े गये युवक के नाम से रजिस्ट्रर्ड है. इस मामले में बंगाल पुलिस ने स्थानीय नगर पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर तीन संदिग्धों काे उठाया है. इसमें एक व्यक्ति के नाम से रंगदारी में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल का सिम कार्ड रजिस्टर्ड है और उसके दो अन्य सहयोगी ने पहले उस सिम को अपने मोबाइल में इस्तेमाल किया था. इसके अलावा एक अन्य संदिग्ध की भी तलाश जारी है. वह घटनास्थल पर मौजूद था. पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश बनाई थी. लेकिन, वह घर छोड़कर फरार है. ज्ञातव्य हो कि पिछले तीन दिनों से बंगाल पुलिस अपराधियों की तलाश में समस्तीपुर में डेरा जमाये हुए थी. इस दौरान नगर पुलिस के सहयोग से शहर में संभावित ठिकानों पर दबिश बनायी. पुलिस को तकनीकी अनुसंधान की मदद से तीन आरोपितों का सुराग मिला. इस मामले में पुलिस के हत्थे चढे़ एक आरोपित जितवारपुर स्थित एक लॉज में किराये में कमरा लेकर रहता था.

कुख्यात सुबोध सिंह के नाम से आया था कॉल

बीते 15 जून को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बेलघरिया थाना क्षेत्र में रतथला मोड बीटी रोड पर हथियारबंद बदमाशों ने व्यवसायी अजय मंडल की कार पर अंधाधुंध फायरिंग की. व्यवसायी अजय मंडल का पश्चिम बंगाल में गाड़ी के शोरुम, रेस्तरां, होटल व प्रमोटिंग के कारोबार से जुड़े हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, वारदात को अंजाम देने से पूर्व अपराधियों ने बेउर जेल से पीड़ित व्यवसायी के मोबाइल पर वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) के जरिये काॅल कर पचास लाख रुपये रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं देने पर व्यवसायी को हत्या की धमकी दी थी. कॉल करने वाले बदमाश ने व्यवसायी को अपना नाम सुबोध सिंह बताया था. उसने 15 जून को फायरिंग के एक घंटे बाद ही पीड़ित व्यवसायी के मोबाइल पर दोबारा वीओआइपी के जरिए मोबाइल कॉल किया और कहा कि इस बार तो बचा लिया अगली बार बात नहीं सुने तो कुछ भी हो सकता है. उस वक्त पीड़ित व्यवसायी पुलिस थाना में ही बैठे थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार सुबोध सिंह बिहार के कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शामिल हैं. उसके विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों में लूट, डकैती सहित दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल, वह बेउर जेल में बंद है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह के एक गुर्गे का नाम भी सामने आ रहा है. चर्चा है कि उसी के इशारे पर अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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