मशरूम उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी अहम : निदेशक
देश में मशरूम क्रांति है. मशरूम उत्पादन में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है.
पूसा : देश में मशरूम क्रांति है. मशरूम उत्पादन में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है. यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के अधीनस्थ मशरूम निदेशालय सोलन हिमाचल प्रदेश के निदेशक डॉ वीपी शर्मा ने कही. वे बिहार के दर्जनों मशरूम उत्पादकों के फार्म एवं लैब का तीन दिवसीय दौरा के दौरान गहन अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि पटना स्थित बेलदारी चक के फ्लेक्सी ग्रुप मशरूम फार्म का निरीक्षण किया. जहां पर नियंत्रण कक्ष का कार्यविधि देख प्रसन्नता हुई. जिले के प्रभात कुमार ने टेकारी एग्री प्रोड्यूसर कंपनी के सहयोग से करीब करीब 1500 लोगों को मशरूम व्यवसाय से जोड़कर बटन मशरूम एक से डेढ़ टन प्रतिदिन उत्पादन करते देख सराहना की. मुजफ्फरपुर के तुर्की में अवस्थित मशरूम अड्डा एवं जयभीम के सदस्यों ने निदेशक डा शर्मा को मिथिला परंपरा से स्वागत किया.
मशरूम रिसर्च के माध्यम से चल रहे शोध कार्यों का जमकर सराहना की
विवि के माध्यम से अर्जित तकनीकों को पूरे देश में लागू करने एवं मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में चलाये जा रहे बिहार सरकार के क्रियाकलापों पर भी समीक्षा की. निदेशक डा शर्मा ने डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीएस पांडेय एवं निदेशक अनुसंधान डा अनिल कुमार सिंह के कुशल निर्देशन में एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च के माध्यम से चल रहे शोध कार्यों का जमकर सराहना की. परियोजना निदेशक डा आरपी प्रसाद ने बताया कि तीन दिनों के दौरा में निदेशक डा शर्मा ने मशरूम व्यवसाय में स्वरोजगार की संभावना देखा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है