समेकित कृषि प्रणाली से सालों भर आमदनी संभव : डा सतपथी
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में समेकित कृषि प्रणाली एवं श्री अन्न प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन विषय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ.
पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में समेकित कृषि प्रणाली एवं श्री अन्न प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन विषय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ. अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा के वैज्ञानिक सह प्रशिक्षण समन्वयक डॉ विनिता सतपथी ने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली खेती की एक ऐसी विधि है जिसमें किसान अपने खेत में उपलब्ध संसाधनों का सही इस्तेमाल करते हैं. इस प्रणाली में किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, मछलीपालन और मधुमक्खी पालन भी करते हैं. इससे किसानों को साल भर आमदनी होती रहती है. झारखंड के पाकुड़ के 30 किसानों के लिए प्रशिक्षण सह एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया. नेतृत्व निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने किया. वैज्ञानिक डा सतपथी ने प्रशिक्षण के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि कृषि मशीनरी के व्यावहारिक अनुप्रयोग, पीयर टू पीयर लर्निंग, किसानों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप और हमारे विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के माध्यम सभी कार्यक्रमों को देखकर सीख रहे हैं. किसानों को एकीकृत कृषि प्रणालियों, बाजरा उत्पादन, प्रसंस्करण, कटाई के बाद प्रबंधन, रोग प्रबंधन, जलवायु लचीला कृषि पद्धतियों, किसान उत्पादक संगठनों, बागवानी के रास्ते और मछली तालाब प्रबंधन के विभिन्न कार्यशील मॉडलों के बारे में सिखाया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ सतपथी ने केवीके बिरौली, टीसीए, ढोली, पूसा की प्रसंस्करण इकाइयों, मशरूम यूनिट, पोषण सहायता इकाई, जैव विविधता पार्क, विभिन्न बागों आदि के लिए एक्सपोजर यात्रा की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी. सुरेश, सूरज, शुभम, अमित, रितेश, मणि, भोल, धर्मेश आदि का सकारात्मक सहयोग रहा है.
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