युवा वर्ग तेजी से हो रहे लो ब्लड प्रेशर के शिकार
युवा वर्ग तेजी से लो ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज में आने वाले सभी मरीजों का ब्लड प्रेशर जांच करायी जाती है.
समस्तीपुर : युवा वर्ग तेजी से लो ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज में आने वाले सभी मरीजों का ब्लड प्रेशर जांच करायी जाती है. जांच दौरान यह पाया जा रहा है कि 16 से 30 वर्ष के युवाओं में लो ब्लड प्रेशर है. जांच में इस उम्र के अधिसंख्य मरीजों का बीपी 90/60 पाया जा रहा है, या फिर इनका बीपी 110/70 रह रहा है. तकरीबन 40 प्रतिशत युवाओं में लो बीपी की शिकायत मिल रही है. वहीं 30 से 50 वर्ष के उम्र अधिसंख्य मरीजों का बीपी 130/90 रह रहा है. ओपीडी में कार्यरत डॉ. साक्षी सुमन का कहना है कि तेजी से बदलते जीवन शैली के कारण युवा वर्ग भी लो बीपी, हाइपरटेंशन व डायबिटीज की चपेट में जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि लो ब्लड प्रेशर को हल्के में नहीं लेना चाहिये. ब्लड प्रेशर बहुत अधिक कम होने पर ऑर्गन फेलियोर से लेकर दिल दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति हो सकती है. इसके लक्षणों के बारे में अक्सर लोगों को पता नहीं चल पाता है. किसी भी व्यक्ति के रक्तचाप की सामान्य स्थिति 120/80 होनी चाहिए. इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर की स्थिति बन जाती है, वहीं, इससे अधिक होने पर हाइ ब्लड प्रेशर की स्थिति बन जाती है. उन्होंने बताया कि लो ब्लड प्रेशर प्राय: शरीर में पानी की कमी, ड्रग्स का सेवन, खानपान की खराब आदतें, खानपान का अनियमित होना, ज्यादा समय तक भूखा रहने के कारण होता है. आज की युवा पीढ़ी बैलेंस डायट की जगह फास्ट, फूड, जंक फूड जैसी चीजों को अधिक पसंद करने लगे हैं. लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में चक्कर आना, उल्टी जैसा होना, जी मिचलना, बेहोशी, शरीर में थकान महसूस होना, शरीर का भारी लगना, ध्यान लगाने में परेशानी होना, आंखों के सामने अंधेरा छाना, धुंधला दिखना, हाथ पैर ठंडे होना, चेहरा सफेद पड़ना, सांस लेने में दिक्कत, खाने में परेशानी होना जैसे लक्षण दिखते हैं. लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में शरीर के अंगों में सही तरह से खून की सप्लाई नहीं होती है. इसमें हार्ट अटैक से लेकर किडनी फेलियोर होने तक की संभावना बनी रहती है. बेहोशी आने पर गिरने के कारण ब्रेन में चोट लगने का खतरा रहता है.
क्या बरते सावधानी
खाने में नमक की मात्रा सामान्य रखें. दिन भर में कम से कम आठ ग्लास पानी पीना चाहिये. पानी के साथ-साथ दूध, मट्ठा, जूस, लस्सी जैसी शरीर को हाइड्रेट रखने वाले पदार्थों का सेवन करें. एक झटके में अचानक नीचे से ऊपर की ओर नहीं उठे, मानसिक व शारीरिक स्ट्रेस से बचें. सिगरेट, शराब, नशीले ड्रग्स आदि का सेवन नहीं करें. खाने में हरी सब्जियों और फलों का अधिक सेवन करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है