पटना. बिहार में सत्ता समीकरण बेशक बदल गया हो, लेकिन सरकार की प्राथमिकता नहीं बदली है. सरकार से महागठबंधन की विदाई होने और एनडीए का हिस्सा बन जाने के बावजूद सरकार की प्राथमिकता युवा, रोजगार और नौकरी ही है. नयी सरकार बनने के बाद पहली बार पत्रकारों से विधिवत बात करते हुए बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने संयुक्त रूप से अपनी प्राथमिकता बतायी. सम्राट चौधरी ने बताया कि किस परिस्थितियों में जदयू के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया गया. उन्होंने पत्रकारों को बिहार के विकास का पूरा रोडमैप बताया.
हम साथ मिलकर काम करेंगे
सम्राट चौधरी ने कहा कि पिछले 48 घण्टों में आपने देखा कैसे बिहारी की राजनीतिक स्थिति बदली. चौधरी ने कहा कि जदयू को तोड़ने का काम किया जा रहा था. सरकार में रहते हुए कहा जा रहा था कि जदयू टूट जायगी, समाप्त हो जायेगी. इसी बीच, जदयू की ओर से सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव मिला. उनके दूत आए और हमलोग ने उनका समर्थन किया. नई सरकार में शामिल हुए. हम साथ मिलकर काम करेंगे. हमारी प्राथमिकता नौकरी और रोजगार है. बिहार को आर्थिक रूप से समृद्ध करना है. यहां निवेश लाना है और कानून और व्यवस्था को बेहतर रखना है.
रोजगार देने का काम किया जायेगा
इसके आगे उन्होंने कहा कि एनडीए लगातार बिहार के हक़ के लिए लड़ती रही है. 2005 में एनडीए की पहली सरकार बनी. याद कीजिए कितना बेहतर काम हुआ था. अब नई सरकार भी वैसे ही काम करेगी. अब में देश में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व होगा. हम सब नीतीश कुमार के साथ मिलकर बिहार को बढ़ाने का काम करेंगे. युवाओं के जो सपने अधूरे रह गए हैं उसको पूरा करेंगे. नीतीश कुमार की ओर से 10 लाख रोजगार देने का वादा पूरा किया जा रहा है. रोजगार देने का काम किया जायेगा. बिहार को रेवेन्यू के स्तर को भी ठीक किया जायेगा.
बिहार को अराजक होने से भाजपा ने बचा लिया
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में जो जिम्मेदारी दी है, उस जिम्मेदारी को पूरा करूंगा. बिहार को जिस रास्ते पर लेकर के राजद के लोग चल रहे थे, उससे भाजपा ने बचा लिया. विजय सिन्हा ने कहा कि राजद की मानसिकता जिस अराजकता की थी, उसे हमने खत्म किया है. जिस तरह से उन्माद अपराध भ्रष्टाचार बढ़ाने का था और जंगलराज को गुंडाराज बनाने का था, आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे सिर्फ नेतृत्व में मिलकर सारी चीजों को समझा और यह निर्णय लिया गया है.