पटना. बिहार भाजपा के डेढ़ दर्जन नेताओं की किस्मत पर रविवार को फैसला हो सकता है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शनिवार की शाम दिल्ली जाने वाले हैं, जहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से होगी.
कई पदों पर होनी है नियुक्ति
माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेताओं से होने वाली इस मुलाकात में बिहार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वाले भाजपा के मंत्रियों, उनके पोर्टफोलियो, राज्यसभा के दो सदस्यों, विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल के भाजपा से होने वाले सचेतक व उप सचेतकों के नाम पर चर्चा होगी. जानकारी के मुताबिक बिहार भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा हो चुकी है और अंतिम निर्णय के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत कर दिया गया है. अब केंद्रीय चुनाव समिति इन पदों पर चुने जाने वाले नेताओं के नाम पर मुहर लगायेगी.
मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर होगी चर्चा
मालूम हो कि 2020 में बनी जदयू-भाजपा की सरकार में भाजपा के 16 मंत्री बने थे. इस गठबंधन की पुन: बनी सरकार में भाजपा के तीन मंत्रियों सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और प्रेम कुमार ने शपथ ले ली है. भाजपा कोटे के कम से कम 13 मंत्री का पद अब भी खाली है. इसके साथ ही गठबंधन के तहत भाजपा को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी मिलनी है. इसके लिए कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं का नाम चल रहा है.
सहयोगी दल को जा सकती है राज्यसभा की एक सीट
वहीं, राज्यसभा के दो सीटों को लेकर भी नाम पर मुहर लगनी है. इनमें से एक सीट पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कार्यकाल खत्म होने की वजह से जबकि दूसरी सीट संख्या बल के हिसाब से बोनस के रूप में मिली है. सूत्रों की मानें तो एक सीट से भाजपा अपना उम्मीदवार उतारेगी, जबकि दूसरी सीट से एनडीए सहयोगी दल को देगी. इस सीट से जीतन राम मांझी या उपेंद्र कुशवाहा में से किसी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. सम्राट चौधरी को भाजपा विधानमंडल दल का नेता और उप मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी खाली हो गयी है. इस पद को भी किसी नये व्यक्ति से भरा जा सकता है.
सोमवार को हो सकता है कैबिनेट का विस्तार
इन पदों के अलावा भी कुछ पद हैं जिन्हें भरना है. उनमें विधानमंडल के दोनों सदनों में सचेतक और उप मुख्य सचेतक का पद होता है. सत्तारूढ़ दल के सचेतक-उप सचेतक पद को लेकर भी नाम पर मुहर लगनी है. भाजपा सूत्रों की मानें तो सब कुछ ठीक रहा तो दोनों उप मुख्यमंत्री के लौटने के बाद बिहार सरकार का नया स्वरूप साफ हो सकता है. संभवत: सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो सकता है. जिच होने पर मंत्रिमंडल गठन की तारीख आगे बढ़ सकती है.