बिहार में गहराया बालू संकट, रोहतास समेत पांच जिलों में नहीं मिल रहा बालू
राज्य के पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद जिलों में भवन निर्माण के लिए आम लोगों को बालू नहीं मिल रहा है. वहीं, इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के आला अधिकारी और मंत्री इन जिलों में बालू की कमी से इन्कार कर रहे हैं.
पटना. राज्य के पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद जिलों में भवन निर्माण के लिए आम लोगों को बालू नहीं मिल रहा है. वहीं, इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के आला अधिकारी और मंत्री इन जिलों में बालू की कमी से इन्कार कर रहे हैं.
उनका दावा है कि पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है. दरअसल, एक मई से पांचों जिलों के नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों ने बालू घाटों का संचालन बंद कर दिया है. इसके बाद से अवैध बालू खनन और उसकी ढुलाई की खबरें मिलने के बाद उसके खिलाफ लगातार छापेमारी और धरपकड़ अभियान चल रहा है.
सूत्रों का कहना है कि पांचों जिलों में वैध खनन बंद होने के बाद इस समय बालू माफिया सक्रिय हो गये हैं. राजधानी पटना का यह हाल है कि वैध तरीके से बालू उपलब्ध नहीं है और कालाबाजारी के तहत अधिक ऊंची कीमत पर बालू उपलब्ध करवाया जा रहा है.
अवैध तरीके से एक ट्रैक्टर-टेलर में उपलब्ध लाल बालू प्रति 100 सीएफटी करीब छह से सात हजार रुपये में मिल रहा है. वहीं सफेद बालू सामान्य तौर पर 700 से 800 रुपये प्रति ट्रैक्टर-टेलर मिलता था, इन दिनों 1800 से दो हजार रुपये में मिल रहा है.
क्या कहते हैं मंत्री
खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने इस संबंध में कहा कि पांचों जिलों में पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है. इसे स्टोर कर रखा गया है, लेकिन लॉकडाउन में गाड़ियों की समस्या होने की वजह से इनको ढोकर विभाग से मान्यता प्राप्त विक्रेताओं तक पहुंचाने में दिक्कत है.
लॉकडाउन हटते ही समाधान हो जायेगा. उन्होंने कहा कि पांचों जिलों के बालू घाटों का फिर से संचालन शुरू किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. बहुत जल्द इसकी घोषणा की जायेगी.
Posted by Ashish Jha