पटना. जदयू से नाता तोड़ कर अलग पार्टी बनानेवाले उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा का ऑफर मिल गया है. भाजपा आलाकमान का मैसेज लेकर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा के घर पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई. संजय जायसवाल ने जहां इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि भाजपा से उनके तालमेल को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. कुशवाहा ने कहा-जब समय आयेगा तब किसी पार्टी से गठबंधन करेंगे.
दिल्ली से पटना पहुंचे संजय जायसवाल एयरपोर्ट से सीधे उपेंद्र कुशवाहा के घर गये. उन्होंने लगभग आधे घंटे तक उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत की. मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि इस मुलाकात का कोई सियासी मकसद नहीं है. वे व्यक्तिगत तौर पर उपेंद्र कुशवाहा को बधाई देने आये हैं. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा से नीतीश कुमार को सीख लेना चाहिये. उपेंद्र कुशवाहा राज्यपाल द्वारा मनोनीत विधान पार्षद थे. फिर भी जदयू छोडने के साथ साथ उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफे का एलान कर दिया. पाला बदलने से पहले नीतीश कुमार को भी पद से इस्तीफा दे देना चाहिए औऱ फिर से जनादेश लेना चाहिये था.
मीडिया से बात करते हुए संजय जायसवाल जी मुझे धन्यवाद देने आये थे. मैंने भी उनका आभार जताया. लेकिन इसमें कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. किसी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई. जब किसी पार्टी से गठबंधन करेंगे तो खुल कर करेंगे और मीडिया को बुलाकर खबर कर देंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जदयू के लोग कह रहे हैं कि मैं पहले से भाजपा से सेटिंग कर चुका था. अगर ये बात सही है तो ये काम तो मैंने नीतीश कुमार से ही सीखा है. नीतीश कुमार से ज्यादा सेटिंग को कौन जानता है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य के लिए दो घंटे इंतजार करना पड़े तो इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो ही नहीं सकता. अब तो नीतीश जी का चेहरा, उनकी बात देख सुन कर दया आती है. वे राजद से दोस्ती के लिए कितनी बेईज्जती बर्दाश्त करेंगे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह बिहार की जनता को इतना मूर्ख न समझें. नीतीश कुमार ने एक बार नहीं दर्जनों बार सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगला सीएम तेजस्वी यादव होंगे. विधायक दल की बैठक में ये भी बात कही, लेकिन जबसे हमने तेजस्वी यादव का विरोध करना शुरू किया, तबसे ललन सिंह बेचैन हो गये हैं. उन्हें लगा कि जनता हमको ठीक कर देगी तबसे बयान बदल गया. जनता मूर्ख नहीं है. ललन सिंह बतायें कि क्या जदयू में वे नीतीश कुमार से बड़े नेता हैं. वे जनता को उल्लू बनाना छोड़ दें. वे घबराहट में बोल रहे हैं, लेकिन ये सच है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में डील पक्की हो चुकी है.