पटना. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश दुनिया में नजीर बताया है. उन्होंने कहा कि आज देश महिला सशक्तिकरण का नीतीश मॉडल अपना रहा है. सोशल साइट पर जारी अपने बयान में उन्होंने कहा है कि ऐसे समय में, जब महिला आरक्षण विधेयक चर्चा में है, हमें यह शेयर करते हुए गर्व है कि महिला सशक्तिकरण का नीतीश मॉडल देश-दुनिया के लिए नजीर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में आधी आबादी के सशक्तिकरण के जरिये ‘सामाजिक क्रांति’ का जो बीज वर्षों पहले बोया था, उसका पेड़ अब फल दे रहा है.
महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य
मंत्री संजय झा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य है. इससे पिछले चार चुनावों में लाखों महिलाओं को अपने गांव-समाज का नेतृत्व करने का अवसर मिला है, जिससे उनका मान-सम्मान बढ़ा है, उनकी आवाज बुलंद हुई है. मुख्यमंत्री ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए साइकिल, पोशाक एवं नगद प्रोत्साहन की योजनाएं शुरू की. ऐसे समय में, जब राजधानी पटना तक में लड़कियां खुलेआम साइकिल चलाते नहीं दिखती थीं, बालिका साइकिल योजना ने बेटियों के लिए न सिर्फ घर से स्कूल तक की दूरी तय करना आसान बनाया, बल्कि उसे उसे समाज की पुरातन सोच से परे जाकर अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए पंख दे दिये.
महिलाओं को अवसर उपलब्ध कराने में नीतीश कुमार सबसे आगे
जल संसाधन मंत्री ने आगे कहा कि महिलाओं को अवसर उपलब्ध कराने के लिए नीतीश कुमार के अनेक एतिहासिक कदम उठाये हैं. उन्होंने प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में 50% तथा अन्य सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का प्रावधान किया. साथ ही, ‘जीविका’ के जरिये गरीब परिवारों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की. महिलाओं के उद्यमिता के सपने को साकार करने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना’ की भी शुरुआत की गई है. दूरगामी प्रभाव वाले इन फैसलों से बिहार की आधी आबादी के जीवन में कितना बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन आया है, इसे प्रदेश में घूमने पर स्पष्ट देखा जा सकता है.
1.30 करोड़ से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई
उन्होंने कहा कि पंचायतों में जाने पर महिला जनप्रतिनिधि, स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं की अच्छी संख्या, बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में लड़का-लड़की का बराबर अनुपात, सरकारी दफ्तरों में महिला कर्मियों की बढ़ी भागीदारी और हर जगह सुरक्षा के लिए तैनात महिला पुलिसकर्मी, ये सभी बिहार की आधी आबादी के जीवन में आये क्रांतिकारी बदलावों की गवाह हैं. आज बिहार पुलिस में महिला कर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है. बिहार में 10.47 लाख ‘जीविका’ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ कर 1.30 करोड़ से अधिक महिलाएं न केवल खुद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि अपने परिवार को भी सहारा प्रदान कर रही हैं.
महिलाओं के प्रति समाज की सोच में व्यापक बदलाव
संजय झा ने कहा कि इस वर्ष मुख्यमंत्री की ‘समाधान यात्रा’ के दौरान आयोजित संवाद कार्यक्रमों में जीविका दीदियां अपने जीवन और परिवार में आये बदलावों की कहानियां जिस उत्साह और आत्मविश्वास के साथ बयां कर रही थीं, उसे देखना-सुनना हम सब के लिए एक सुखद एवं अविस्मरणीय अनुभव रहा. लड़कियों के शिक्षित होने से राज्य की प्रजनन दर में भी निरंतर कमी आ रही है. नीतीश कुमार के बिहार की सत्ता संभालने के समय यह दर 4.3 थी, जो अब 2.9 पर आ गई है. इन सबके बीच महिलाओं के प्रति समाज की सोच में भी व्यापक बदलाव आया है. पुरुष प्रधान समाज अब महिलाओं के घर की दहलीज लांघ कर बिहार की तरक्की में सहभागी बनने पर गर्व करता है. आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने से प्रदेश के विकास का आधार निरंतर मजबूत हो रहा है.