रत्नेश सदा नीतीश कैबिनेट में संतोष सुमन की लेंगे जगह, ऐसे तय किया एक रिक्शा चालक से मंत्री तक का सफर
bihar politics रत्नेश सदा ने संस्कृत से आर्चाय की डिग्री भी हासिल कर रखा है. सरल स्वभाव के रत्नेश सदा की पहचान जुनूनी नेता के रुप में होती है.
सहरसा जिला के सोनबरसा से तीन बार के विधायक रत्नेश सदा (JDU Mla Ratnesh Sada) सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन (Jitan Ram Manjhi Son Santosh Suman) की जगह लेंगे. मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को अचानक फोन करके पटना बुलाया है. इसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि रत्नेश सदा सीएम नीतीश कुमार के कैबिनेट के नए सदस्य होंगे.
कौन हैं रत्नेश सदा
जेडीयू विधायक रत्नेश सदा मुसहर समाज से आते हैं. रत्नेश सदा सहरसा के सोनबरसा से लगातार तीन बार से विधायक हैं. संस्कृत से उन्होंने आर्चाय की डिग्री भी हासिल कर रखा है. सूत्रों का कहना है कि रत्नेश सदा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्रों में से एक हैं. सरल स्वभाव के रत्नेश सदा की पहचान जुनूनी नेता के रुप में होती है. यही वजह है कि रत्नेश सदा को नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट में जगह दिया है. जदयू नेताओं का कहना है कि रत्नेश सदा का जीतन राम मांझी से कहीं अधिक जनाधार है.
रिक्शा चालक से मंत्री पद तक का सफर
सहरसा के रहने वाले रत्नेश सदा की जदयू पार्टी में एक अच्छे वक्ता के रुप में पहचान है. अपने समाज में भी रत्नेश सदा की पहचान खूब पढ़े लिखे व्यक्ति के रुप में हैं. उन्होंने अपना यह मुकाम बेहद कठिन परिश्रम से हासिल किया है. पिता लक्ष्मी सदा गांव में ही मजदूरी किया करते थे. खुद रत्नेश सदा ने इस मुकाम को प्राप्त करने के काफी परिश्रम किया. स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने लंबे समय तक रिक्शा भी चलाया. दलित समाज के उत्थान और उनकी सेवा के लिए सदैव तत्पर और प्रयासरत रहने रत्नेश सदा ने राजनैतिक सफर वर्ष 1987 में शुरु किया था. इसके बाद वे जदयू के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहें. फिलहाल वे जदयू महा दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पहली बार 2010 में रत्नेश सदा जदयू के टिकट पर विधायक बने.