Flood 2022: नेपाल में टूटा सप्तकोशी नदी का तटबंध, बिहार पर मंडरा रहा खतरा, इन जिलों में तबाही के संकेत
नेपाल में सप्तकोशी नदी का तटबंध टूट गया है जिससे बिहार पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है. सीमावर्ती इलाकों में तबाही के संकेत दिख रहे हैं. बिहार के कई जिलों की मुश्किलें बढ़ सकती है. अररिया व सुपौल के हालात बिगड़ सकते हैं.
Flood 2022 Update: नेपाल में सप्तकोशी नदी का तटबंध टूट गया है. जिसकी वजह से प्रशासन के द्वारा आसपास के इलाकों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. उदयपुर के बेलका नगर पालिका -8, 9, 1, 2, 3 वार्ड को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. सप्तकोशी नदी का पानी इन वार्डो में घुस चुका है. नदी का पानी तटबंध को तोड़कर गांवों में घुसने से दो हजार परिवार प्रभावित हुए हैं. किसी तरह की अनहोनी ना हो इसलिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. वहीं बिहार में भी इसका बड़ा असर पड़ने वाला है. कई जिलों में तबाही के ये संकेत हो सकते हैं.
गांव में घुसा पानी
उदयपुर के मुख्य जिला अधिकारी बीरेंद्र कुमार यादव के अनुसार, बेलका-8 लाहौर खोंच डुमरीबोट क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. बुधवार की सुबह सप्तकोशी नदी का बांध टूटकर पानी गांव में घुस गया. तटबंध के टूटने से इसका प्रभाव क्रमशः सप्तरी और सुनसारी जिलों पर पड़ेगा. दोनो जिलों में सतर्कता बरती गई है.सुनसरी व सप्तरी की प्रशासनिक व सुरक्षा व्यवस्था से समन्वय किया जा रहा है. मुख्य जिला अधिकारी यादव ने कहा की जोखिम जैसे-जैसे बढ़ रहा है, हम सतर्कता पर जोर दे रहे है.
बचाव कार्य में प्रशासन
सुनसारी के बरहक्षेत्र नगर पालिका-6 में पानी भर गया है. संभावना है कि नदी का किनारा अपने पुराने स्थान पर लौट आएगा. कई परिवार प्रभावित होंगे. मुख्य जिला अधिकारी यादव ने कहा- मानव क्षति को रोकने के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर बचाव कार्य किया जा रहा है. वहां रहने वाले लोगों को विस्थापित किया जा रहा है. नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस और स्थानीय निवासी घटना स्थल पर बचाव कार्य में जुटे हैं. जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है.
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बिहार के इन जिलों पर संकट के बादल
बता दें कि सुनसरी जिले के बाद मोरंग ही आता है, जिसमें विराटनगर व भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा जोगबनी आती है. तटबंध टूटने के बाद अब अररिया व सुपौल समेत कोसी-सीमांचल क्षेत्र के जिले अधिक प्रभावित हो सकते हैं. कटाव के कारण नदी का प्रवाह गांव में प्रवेश कर गया है. यदि जल स्तर बढ़ता है तो अनुमान है कि 4000 घर प्रभावित होंगे.
सतर्क रहने के लिए माइकिंग
मुख्य जिला अधिकारी यादव ने बताया कि जोखिम वाले क्षेत्रों के सीमांकन के साथ ही नागरिकों को सतर्क रहने को कहा गया है. सतर्क रहने और आवश्यक सामानों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का अनुरोध करने के लिए माइकिंग की जा रही है.
Published By: Thakur Shaktilochan