छपरा. सारण जिले के नगरा प्रखंड क्षेत्र के मकसूसपुर निवासी मो नजबुद्दीन के 33 वर्षीय पुत्र सीआइएसएफ जवान असगर अली उर्फ बबलू की शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. बताया जा रहा है कि सीआइएसएफ जवान असगर अली उर्फ बबलू की पिछले ही कुछ महीने पहले कश्मीर में तैनाती हुई थी. इससे पहले वह दिल्ली में पोस्टेड थे. अब भी उनकी पत्नी अपने तीन वर्षीय पुत्र व 18 माह की पुत्री के साथ दिल्ली में रह रही थी. परिजन पैतृक घर के लिए दिल्ली से चल दिये हैं. वहीं, शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार की देर रात या शुक्रवार की सुबह पहुंचने की संभावना है.
बताया जा रहा है कि सीआइएसएफ जवान असगर अली की साले की शादी इसी मई महीने में होने वाली है. इसको लेकर असगर अली ने घर आने के लिए 14 मई को ट्रेन का टिकट बुक कराया था. लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था और अब सेना के जवान उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट ताबूत में ला रहे हैं.
सीआइएसएफ जवान बबलू की बहाली वर्ष 2010 में हुई थी. बबलू की शादी वर्ष 2013 में हुई थी. बबलू की पोस्टिंग दिल्ली में थी. दिल्ली में ही वह अपनी पत्नी परवीन बेगम और दो बच्चों के साथ रहता था. उसका बड़ा बेटा जीशान अहमद तीन साल का व बेटी बब्बी डेढ़ साल की है. सीआइएसएफ जवान के पिता के अनुसार पांच लड़कों में बबलू सबसे छोटा था. जम्मू कश्मीर के संबंधित अधिकारी के संपर्क में हम लोग हैं. शुक्रवार की सुबह तक जवान का शव गांव में पहुंचने की उम्मीद है.