Saran flood: नेपाल के तरफ से पानी छोड़ने से तरैया प्रभावित, लोग मवेशियों के साथ करने लगे हैं पलायन

Saran flood - नेपाल के तरफ से पानी छोड़ने से तरैया प्रखंड के माधोपुर पंचायत के सीमा पर अवस्थित सगुनी बांध ढाला के समीप रविवार को सुबह से पानी सड़क को पार करने लगा. दोपहर होते पानी की रफ्तार बढ़ने से सड़क के लगभग आधे हिस्से क्षतिग्रस्त हो गये.

By Ashish Jha | October 10, 2022 5:31 AM

छपरा. नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई भारी के बाद बाल्मीकिनगर बराज से शुक्रवार को छोड़े गये साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का असर रविवार को सुबह तरैया गंडक तटीय इलाकों में देखने को मिल रहा है.

नेपाल से आ रही है तबाही

तरैया प्रखंड के माधोपुर पंचायत के सीमा पर अवस्थित सगुनी बांध ढाला के समीप रविवार को सुबह से पानी सड़क को पार करने लगा. दोपहर होते पानी की रफ्तार बढ़ने से सड़क के लगभग आधे हिस्से क्षतिग्रस्त हो गये तथा सड़क पर काफी तेज रफ्तार से लगभग एक फीट पानी गिरने लगा. जबकि जल संसाधन विभाग व बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारी कह रहे है कि जलस्तर में कमी हो रही है.

लोग करने लगे हैं पलायन

सगुनी पीच सड़क को पानी पार करने खबर सुनकर तरैया क्षेत्र के लोग काफी संख्या में देखने पहुंच रहे है. गंडक नदी में उफान व बाढ़ का पानी तरैया क्षेत्र में सगुनी से ही प्रवेश करती है. सगुनी सड़क को रविवार को सुबह जैसे ही पार कर गिरना शुरू हुआ कि सारण तटबंध के तटीय इलाके में बसे लोग अपने माल – मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर पलायन करने को सोचने लगे. सारण तटबंध पर 24 घंटे सुरक्षा में लगे जल संसाधन विभाग व बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारी व कर्मी बोल रहे है कि सोमवार की जलस्तर में कमी आयेगी. साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी जो छोड़ा गया था उसी का असर रविवार को थोड़ा सा दिख रहा है.

ये गांव है ग्रसित

माधोपुर पंचायत के सगुनी,राजवारा,शामपुर,अरदेवा,जिमदाहा, डुमरी पंचायत के शीतलपुर, हरपुर फरीदन,चंचलिया पंचायत के चंचलिया दियारा व बिंदटोली समेत सारण तटबंध के पूर्वी भाग में बसे तथा गंडक नदी के तटीय इलाकों के लोग दहशत में जी रहे है. इनलोगों का सैकड़ों एकड़ में लगी धान, अरहर,सब्जी की फसल पानी में दो दिनों से डूबी हुई है. माधोपुर पंचायत के मुखिया सह जदयू प्रदेश महासचिव सुशील सिंह,तरैया प्रखंड प्रमुख व डुमरी मुखिया प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह विक्कू, चंचलिया मुखिया नंदकिशोर साह ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन से सुरक्षा व धान की तैयार फसल की क्षतिपूर्ति की मांग किये है.

जलस्तर बढ़ने किसानों को बढ़ी परेशानी

मुखिया सुशील सिंह ने कहा कि सारण तटबंध के निचले इलाके में लगभग सैकड़ों में तोड़ी की खेती करने के लिए किसान खेत को जोतकर बुआई की तैयारी कर चुके थे. उन किसानों के मंसूबे पर गंडक के बढ़ते जलस्तर ने चकनाचूर कर दिया.

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