सारण को सौगात: सदर अस्पताल को मिली सिटी स्कैन मशीन, एक सप्ताह में हो जायेगी चालू
करीब 1.25 करोड़ की लागत से इस मशीन की खरीदारी की गयी. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया नये साल में सारणवासियों के लिए खुशी की खबर है कि अब सिटी स्कैन के लिए पटना या किसी निजी अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा.
छपरा. बीमारी का इलाज किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी भरा होता है. खासकर जब डॉक्टर सीटी स्कैन कराने की सलाह दे तो मरीज के ऊपर पांच से सात हजार रुपये के खर्च का बोझ बढ़ जाता है.
इस कारण गरीब मरीज सिटी स्कैन कराने की नहीं सोच पाता है. लंबे अरसे के बाद सारण वासियों को नयी सौगात मिल गयी है. छपरा सदर अस्पताल को सिटी स्कैन मशीन प्राप्त हो गयी.
करीब 1.25 करोड़ की लागत से इस मशीन की खरीदारी की गयी. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया नये साल में सारणवासियों के लिए खुशी की खबर है कि अब सिटी स्कैन के लिए पटना या किसी निजी अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा.
अब सदर अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध होगी. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने सिटी स्कैन रूम का निरीक्षण किया और एक सप्ताह के अंदर सेवा शुरू करने का निर्देश दिया.
उन्होंने बताया पीपीपी मोड में सिटी स्कैन मशीन का संचालन किया जायेगा. इसके लिए मरीजों को शुल्क भी देना पड़ेगा. निजी अस्पताल में जिस सिटी स्कैन का शुल्क आठ हजार रुपये हैं तो यहां लगभग तीन हजार रुपये देना होगा.
इससे जिले के मरीजों को आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी. इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार, डॉ अजय कुमार शर्मा, डीएस रामइकबाल प्रसाद आदि मौजूद थे.
कब पड़ती है स्कैन की जरूरत
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया सिटी स्कैन मशीन मुख्य रूप से सिर की बीमारी और सिर की गहरी चोट की जड़ तक पहुंचने का अच्छा साधन है. इसका पता चल जाने के बाद डॉक्टरों के लिए दवा और ऑपरेशन का चुनाव करना आसान हो जाता है.
अचानक बेहोश होना, उल्टी अधिक होना, सिर में लगातार तेज दर्द बना रहना, धुंधला दिखना, हाथ और पैरों का काम नहीं करना या फिर सड़क दुर्घटना में सिर में चोट लगने पर चिकित्सक सिटी स्कैन की सलाह देते हैं.
Posted by Ashish Jha