उपहारा में थानाध्यक्ष की मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कहा- थानाध्यक्ष को किया जाए निलंबित
उपहारा में थानाध्यक्ष की मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहा है कि थानाध्यक्ष की मनमानी से वो परेशानी हो चुके हैं. उन्होंने कई लोगों को फर्जी केस में फंसा दिया है.
उपहारा थाना क्षेत्र के हमीदनगर गांव में रविवार की शाम थानाध्यक्ष की मनमानी से नाराज सैकड़ों ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व नीतीश कुमार चौधरी ने की. प्रदर्शन कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षक बालकुमार प्रसाद,आल्हा चौबे,मीरा कुमार,वीरेंद्र चौबे,अजय प्रसाद, विजय चौबे, विकास पासवान, विजय यादव, श्रीकांति देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों का कहना था उपहारा थानाध्यक्ष मनोज कुमार तिवारी की मनमानी रवैया से हम लोग परेशान हैं . ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा थानाध्यक्ष गांव में शराब बेचवाते हैं. अगर इसके विरोध में हम लोग डीएसपी या बड़े अधिकारी के पास शिकायत करते हैं तो वे केस में फंसाने की धमकी देते है और केस में फंसा भी देते हैं.
शराब बेचने को परेशान करते हैं थानाध्यक्ष
नीतीश पासवान ने आरोप लगाते हुए कहा गांव में ही एक व्यक्ति द्वारा शराब बेचा जा रहा था जिसका ऑडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ. उसी बात को लेकर बेवजह थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार कर लिया और तो और शराब बेचने के मामले में जेल भेज दिया . वही जब वह न्यायालय से बेल कराने के बाद घर आया तो शनिवार की शाम गांव के हीं अजय प्रसाद का सेट्रिंग लादकर ट्रैक्टर पर लाया .सुबह सेंटरिंग को हमीदनगर गांव में ही शिक्षक राजबल्लभ बिंद के दरवाजे पर ट्रैक्टर के साथ खड़ा कर दिया. आरोप है कि थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ आए और बालू चोरी करने के आरोप में ट्रैक्टर को ले जाने लगे .जब नीतीश ने खाली ट्रैक्टर को ले जाने से मना किया तो उसके साथ गाली गलौज किया गया. इसके बाद बल का प्रयोग करते हुए ट्रैक्टर ले गए .
वीडियो बनाने पर की पिटाई
आरोप है कि ट्रैक्टर ले जाने पर नीतीश कुमार ने वीडियो बनाना शुरू किया तो पुलिस ने उसकी पिटाई भी की. ग्रामीणों ने कहा कि अगर थानेदार को निलंबित नहीं किया जाएगा तो सैकड़ों ग्रामीण गोह मुख्यालय पहुंचकर धरना देंगे. इसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं होगी तो जिला मुख्यालय में पहुंचकर समाहरणालय का घेराव किया जायेगा.इधर थानाध्यक्ष मनोज कुमार तिवारी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा.